जिले की अविनाश और रेणुका मोबाईल शॉप पर जीएसटी टीम की दबिश,आईटीसी क्लेम में मिला लाखों का फर्जीवाड़ा, जांच जारी

बालाघाट. 20 करोड़ के सायबर फ्राड में ऑनलाईन से मंगाये गये मोबाईल के अवैध व्यापार में पकड़ाये गये जिले के मोबाईल दुकान संचालकों का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि जीएसटी के आईटीसी क्लेम में फर्जीवाड़ा का लाभ पाने के मामले की शिकायत के बाद जीएसटी की टीम ने धारा 66 के तहत सोमवार 16 अगस्त को जिला मुख्यालय बालाघाट के दो मोबाईल शॉप मेनरोड में हक्कुशाह बाबा के मजार के समक्ष स्थित अविनाश मोबाईल शॉप और प्रेमनगर स्थित रेणुका मोबाईल शॉप में दबिश देकर स्टॉक और डाक्युमेंट की कार्यवाही की. जिसमें अब तक की जानकारी में जीएसटी फाईल करते समय परचेस किये गये सामान को लेकर क्लेम किये जाने वाले आईटीसी में फर्जीवाड़ा मिला है, पात्रता नहीं होने के बावजूद मोबाईल संचालक द्वारा क्लेम किया गया. जिसमें अविनाश मोबाईल में प्रायमरी रूप से जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार 6 लाख का फर्जीवाड़ा सामने आया है, हालांकि रेणुका मोबाईल में पूरी जांच के बाद ही अधिकारी ने कुछ बताने की बात कही. यह पूरा मामला जीएसटी कर चोरी का बताया जा रहा है. अभी और स्टॉक एवं डाक्युमेंट की जांच होना बाकी है, जिसके बाद फायनल रूप से जीएसएटी कर चोरी के आंकड़े सामने आयेंगे और विभागीय अधिकारी अनुसार इस पर नियमानुसार कर चोरी अधिरोपित कर कार्यवाही की जायेगी.

गौरतलब हो कि बीते समय बालाघाट पुलिस ने 20 करोड़ के सायबर ब्राड का खुलासा किया था. जिसमें ऑनलाईन फ्राड की राशि से ऑनलाईन मोबाईल मंगवाकर उसे दुकानदारों को देने और दुकानदारों द्वारा अवैध रूप से मोबाईल का कारोबार किये जाने के मामले में बालाघाट पुलिस ने बालाघाट के मोबाईल व्यापारी व्यापारी अरिहंत मोबाईल शॉप संचालक वार्ड क्रमांक 15 गौली मोहल्ला निवासी 31 वर्षीय अनुराग पिता प्रमोद जैन, ओम मोबाईल शॉप संचालक शांति भवन के पास वार्ड क्रमांक 18 निवासी 31 वर्षीय विनोद पिता हरिराम दात्रे, पंकज मोबाईल शॉप संचालक वार्ड क्रमांक 32 जैन बेकरी के पास नर्मदा नगर निवासी 32 वर्षीय पंकज पिता दामोदर चावला, नेहा मोबाईल शॉप संचालक वार्ड क्रमांक 17 महावीर चौक निवासी 43 वर्षीय शैलेष पिता भंवरलाल जैन, रेणुका मोबाईल शॉप संचालक वार्ड क्रमांक 27 प्रेमनगर निवासी 38 वर्षीय श्रीकांत पिता गोविंद गचके सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था. जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भिजवा दिया गया था. हालांकि इस मामले में माननीय उच्च न्यायालय से मिली जमानत के बाद सभी बाहर है लेकिन एक बार फिर जीएसटी कर चोरी में मोबाईल दुकान संचालक का नाम सामने आया है.

विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो वाणिज्यकर आयुक्त इंदौर के आदेशानुसार और संयुक्त आयुक्त छिंदवाड़ा श्री पांडे के निर्देशानुसार सिवनी और बालाघाट में स्टेट जीएसटी की अलग-अलग टीम ने एकसाथ कार्यवाही की. जिसमें अविनाश मोबाईल शॉप में जीएसटी विभाग से जुड़े एसटीओ डी. एल. पटले, निरीक्षक संध्या यादव, आईटी असिस्टेंट अजय देशमुख, राजेश बिसेन, श्री रामटेक्कर, मोतीराम मदनकर की टीम ने कार्यवाही की. जबकि रेणुका मोबाईल शॉप में एसटीओ अनुपम शर्मा, सुनीता सिरसाम, एटीओ ऋषि ठाकुर की टीम ने कार्यवाही की.

जीएसटी में आईटीसी क्लेम में फर्जीवाड़ा

बताया जाता है कि जब कोई व्यापारी कहीं से माल खरीदता है तो उसे आईटीसी मिलता है, जिसके लिए वह जीएसटी में क्लेम करता है, अविनाश मोबाईल में जीएसटी टीम की जांच में यह खुलासा हुआ है कि अविनाश मोबाईल द्वारा जीएसटी में आईटीसी क्लेम में पात्रता नहीं होने के बावजूद उनके द्वारा क्लेम किया गया. हालांकि रेणुका मोबाईल की जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन विभागीय सूत्रों का कहना है कि यहां भी कुछ ऐसा ही मामला है. हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है. इस मामले में जीएसटी विभाग अब कागजी दस्तावेजों की जांच में जुटा है. जिससे विभाग अब यह राशि मोबाईल संचालक से सरेंडर करवायेगा. जिसके बाद स्कूटी और डाक्युमेंट की जांच के बाद कार्यवाही अधिरोपित की जायेगी.


इनका कहना है

वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन और निर्देशन मंे जीएसटी के अधीन धारा 66 के अंतर्गत जीएसटी मंे आईटीसी क्लेम में अंतर के कारण जांच संस्थित की गई थी. अब तक की जांच में अविनाश मोबाईल शॉप में 6 लाख का अंतर आया है, जांच जारी है, स्टॉक के आधार पर और जांच की जायेगी. डॉक्युमेंट की भी जांच की जायेगी. जिसके बाद ही फायनल होगा कि मोबाईल संचालक द्वारा कितनी कर चोरी की गई है.  

डी. एल. पटले, एसटीओ, जीएसटी विभाग


Web Title : GST TEAM AT AVINASH AND RENUKA MOBILE SHOPS IN THE DISTRICT, LAKHS OF FAKES FOUND IN ITC CLAIMS, PROBE UNDERWAY