बालाघाट. लंबे वक्त के बाद समाज के भीतर पनप रहे एक बड़े खेल पर कसते, पुलिस शिकंजे से बालाघाट इन समय सुर्खियों में हैं. जिस पर पूरे जिले के साथ ही पड़ोसी राज्य और जिले के लोगों की नजर है. कभी जिले के टीपी और आरटीओ कांड के बाद जिले सहित विधानसभा तक पहुंचे डबल मनी मामले में एक नया मामला जुड़ा है, हालांकि लांजी-किरनापुर क्षेत्र के डबल मनी मामले से अलग इस मामले में यह समानता है कि यहां भी निवेशकों को दुगुने रूपये का लालच दिया जा रहा था. शहर के भटेरा स्थित शीतल पैलेस हॉटल मंे यह खेल ढाई से तीन महिने से चला आ रहा था. जिसमें कोतवाली पुलिस ने तीन आरोपियो को एक कमरे से गिरफ्तार किया हैं.
सभी तीनो आरोपी बालाघाट के नेमा कॉलोनी, बूढ़ी सुभाष नगर और देवटोला देवनगर निवासी हीरालाल पिता तीरथलाल डेहरिया, उपेश पिता हुकुमचंद मेश्राम, नंदकुमार पिता पतिराम मंडलेकर है. जिसे वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में नगर पुलिस अधीक्षक अंजुल अयंक मिश्रा, थाना प्रभारी कमलसिंह गेहलोत, उपनिरीक्षक महेश शर्मा, अमित गौतम, विकाससिंह, कोमेन्द्र गौतम, पोतनलाल चौधरी, शैलेष गौतम, गजेन्द्र माटे, पदमसिंह उईके, आकाश ब्रम्हें सहित थाना कोतवाली स्टॉफ की टीम ने गिरफ्तार करने में सराहनीय योगदान निभाया.
जिसको लेकर कंट्रोल रूम में आयोजित प्रेसवार्ता में पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने बताया कि आरोपी हॉटल में सेमीनार के माध्यम से सेमीनार का आयोजन कर ऑनलाईन ट्रेर्निंग देने के नाम पर फॉरेक्स ट्रेडिंग में पैसा लगाकर दस महिने में रकम दुगुनी करने का लालच देकर पैसा लेते थे. जिनके खिलाफ अनियमित जमा योजना के तहत कार्यवाही की गई है. कंट्रोल रूम में आयोजित प्रेसवार्ता में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय डावर, सीएसपी अंजुल अयंक मिश्रा, थाना प्रभारी कमलसिंह गेहलोत, यातायात थाना प्रभारी शैलेन्द्रसिंह यादव मौजूद थे.
आरोपियों से जानकारी मिली कि रकम दुगुनी का विश्वास दिलाने के एिल आरोपी हीरालाल डेहरिया के माध्यम से स्वयं के नाम पर रजिस्टर्ड मां नर्मदा फॉर्मलैंड के नाम से दोगुनी राशि का चेक दस महिने के बाद की डेट का जमाकर्ताओं को दिया जा रहा था. डबल मनी के इस खेल में आरोपियों ने अपने ऐजंेट भी बना रखे थे. सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार आरोपियों द्वारा कुछ ऐजेंटों को हॉल में नई नवेली बड़ी कंपनी की कार भी दिये जाने की बात कही जा रही है. फिलहाल पुलिस ने इस मामले मंे आरोपियों का पीआर लिया है. जिसे 29 अक्टूबर को पुलिस न्यायालय में पेश करेगी. फिलहाल पुलिस को और उम्मीद है कि इस मामले में मामले से जुड़ी और भी जानकारी लग सकती है.
वहीं पुलिस आरोपियों के पास से मिले 5 लाख रूपये, केनरा एवं यूको बैंक की चेकबुक, मां नर्मदा फॉर्मलैंड की सील, मोबाईल फोन, ब्रॉशर प्लान बुक और लैपटॉप मिला है. पुलिस बरामद लेपटॉप से भी मामले की जानकारी जुटा रही है, ताकि गरीब लोगों की राशि को लौटाया जा सके. हालांकि पुलिस के पास तक इस मामले में निवेशकों के लेनदेन का एग्जिट तो पता नहीं लेकिन कम से कम एक करोड़ के आसपास का यह व्यापार बताया जा रहा है. आरोपियों और ऐजेंट, निवेशकों से अनियमित जमा करवा रहे थे. फिलहाल पहले राशि दोगुना के मामले उजागर होने के बाद भी दूसरी बार इसी तरह के खेल का संचालन, जिले के निवेशकों की अज्ञानता को लेकर एक बड़ सवाल है. फिलहाल मामले की संपूर्ण जांच के बाद यह पूरा मामला साफ हो पायेगा.