शिविर में दिव्यांगो को फार्म के लिए उठानी पड़ी परेशानी, कोई अपना दिव्यांग हो समझ में आये दिव्यांगो का दर्द-अमन नामदेव

बालाघाट. सोमवार को मुख्यालय में दिव्यांगो को सहायक उपकरण बांटने सहित दिव्यांग प्रमाण पत्र और प्रमाण पत्र नवीनीकरण के लिए जनपद पंचायत में शिविर का आयोजन किया गया था. ठीक सामने समीपस्थ दिव्यांग अपनी मांगो को लेकर हड़ताल पर बैठे थे. दोनो ही स्थानो में दिव्यांगो को परेशान होना पड़ा है. जहां जनपद पंचायत क्षेत्र और नगरीय निकाय के दिव्यांगो के लिए लगाये गये शिविर में दिव्यांगो को फार्म के लिए परेशान होना पड़ा. वहीं पिछले 5 दिनों से लगातार हड़ताल पर बैठे दिव्यांग, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी से परेशान हैं.  

जनपद पंचायत के समग्र सामाजिक सुरक्षा विस्तार अधिकारी ने फार्म के कारण दिव्यांग को हो रही परेशानी पर कहा कि हमें उम्मीद नहीं थी कि इतने दिव्यांग आयेंगे, दो सौ फार्म रखे गये थे. जिसकी फोटो कापी कराकर व्यवस्था बनाई जा रही है. उन्होंने बताया दो दिवसीय शिविर में जनपद और नगरीय निकाय के दिव्यांगो को दिये जाने वाले सहायक उपकरण के चिन्हाकन, दिव्यांग प्रमाण पत्र और उसके नवीनीकरण को लेकर दो दिवसीय शिविर लगाया गया है. जिसमें सहायक उपकरण के लिए चिन्हित दिव्यांगो को आवश्यकतानुसार ट्राईसिकल, वॉकिंग स्टीक, दिव्यांग मोटर सायकिल, कान की मशीन सहित अन्य, सहायक यंत्र प्रदान किये जायेंगे.  

दूसरी ओर पांच दिनो से हड़ताल और साथियो के साथ भुख हड़ताल पर बैठे दिव्यांग संगठन अध्यक्ष अमन नामदेव ने कहा कि यह जिले का दुर्भाग्य और विडंबना है कि दिव्यांगों की मांगो को प्रशासन और जनप्रतिनिधि अनसुना कर रहे है, दिव्यांगो का दर्द इसलिए नहीं समझ पा रहे है कि कोई उनका अपना दिव्यांग नहीं है. उन्होंने कहा कि गत 8 फरवरी से वह हड़ताल कर रहे है और 9 फरवरी से वे स्वयं सहित साथी 

संदीप कठाने, प्रतिक चौहान, मनोज गोस्वामी और संतलाल मड़ावी भुख हड़ताल पर है, केवल पानी पीकर हड़ताल पर डटे हैं. उन्होंने दिव्यांगो को सहायक उपकरण के लिए चिन्हित करने लगाये गये शिविर पर कहा कि वह दिव्यांगो को सहायक उपकरण देने के खिलाफ नहीं, बस बात यह है कि जो सामान दिये जा रहे है, उसके सुधार कार्य के लिए यहां उसका गैरेज हो. उन्होंने कहा कि दृष्टिबाधित को मोबाईल दिया जा रहा है लेकिन यदि वह फूल एक्सिस नहीं होगा तो वह उसके लिए कोई काम का नहीं है. इसलिए ऐसे सहायक उपकरण दिव्यांगो को प्रदान ना किये जाये, जो उसके भविष्य के लिए उपयोगी न हों. अन्यथा हम ऐसे सामानो की होली जलवा देंगे.


Web Title : IN THE CAMP, THE DISABLED HAD TO FACE THE PROBLEM OF FARMING, SOMEONE SHOULD UNDERSTAND THE PAIN OF THE DISABLED.