किरनापुर क्षेत्र की आदिवासी कोसमारा पंचायत में गरीबों को नहीं मिल रहा खाद्यान्न, सरपंच और रोजगार सहायक की अनदेखी ग्रामीणों के लिए बनी परेशानी का सबब, गांव में घूम रहे हैदराबाद से आये मजदूर

बालाघाट. भले ही शासन, प्रशासन कोविड-19 से निपटने किये गये लॉक डाउन के दौरान गरीबों को राशन और जरूरत की सामग्री पहुंचाने का दावा कर रही है लेकिन उसके दावो से विपरित जिले के अंचल के कुछ ऐसे आदिवासी क्षेत्र है, जहां गरीब आदिवासियों के पास अब तक राशन नहीं पहुंच सका है और उन्हें दो जून की रोटी के लिए भी दूसरो पर आश्रित होना पड़ रहा है.

जिले के किरनापुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत कोसमारा की बात करें तो ग्राम पंचायत कोसमारा अंतर्गत ग्राम भक्कुटोला, पेंदीटोला, बिसटोला, लोधीटोला, सिर्रा, कोसमदेही और गोंडीटोला ग्राम आते है, जिसकी अनुमानित आबादी लगभग 15 सौ है, जिसमें अधिकांश आबादी आदिवासी परिवारों की है, पूरी पंचायत के लगभग 2 सौ से ढाई सौ लोगों के पास ही बीपीएल कार्ड है, जबकि पंचायत की अधिकांश आबादी कार्ड विहिन है, जो आम दिनों में खेती सहित अन्य मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालते थे किन्तु लॉक डाउन के बाद काम धंधे बंद होने से इनके सामने सबसे बड़ी समस्या परिवार के जीविकोपार्जन को लेकर खड़ी हो गई.

मिली जानकारी अनुसार लॉक डाउन के बाद बीपीएल कार्डधारियों को शासन से मिलने वाला अनाज तो मिला लेकिन कार्ड से वंचित परिवार, राशन से भी वंचित ही रहे. यही नहीं बल्कि गांव में कोविड-19 से निपटने न तो मॉस्क बांटा गया और ना ही सेनेटाईजर. गांव-गांव में दवा का छिड़काव करने का दावा भी यहां बेमानी नजर आया. वर्तमान में ग्राम पंचायत कोसमारा अंतर्गत आने वाले सभी ग्रामों की हालत राशन और जरूरत की सामग्री नहीं मिलने से दयनीय है, गांव के लोग एक-एक दाने के लिए मोहताज है.  

बावजूद पंचायत के ग्राम सरपंच परसराम अड़मे और रोजगार सहायक बने सचिव रमेश बिसेन की भूमिका, ग्राम के लोगों की राशन और अन्य जरूरत की सामग्री की समस्या के बावजूद नगण्य बनी हुई है, ऐसा लगता है कि उन्हें ग्रामवासियों की समस्या से कोई सरोकार ही नहीं है. बताया जाता है कि इनके माध्यम से ग्राम के कोविड-19 से निपटने किये गये लॉक डाउन के बाद प्रभावित गरीब परिवारों को चिन्हित करके उनके नामों की जानकारी भिजवाई जानी थी. जिसकी सूची भी बनाई गई लेकिन सूची बनाये जाने के बावजूद गरीबों तक राशन नहीं पहुंचने से अब बनाई गई सूची के भेजे जाने पर भी सवाल खड़े होने लगे है.  

हैदराबाद और अन्य शहर से लौटे मजदूर गांव में घूम रहे खुलेआम

पंचायत क्षेत्र के जो मजदूर गांव से पलायन कर हैदराबाद और अन्य महानगरों की ओर गये थे, वह लॉक डाउन के बाद वापस गांव लौटे है जो मजदूर होम क्वारेंटाईन रहने के बजाये गांव में घूम रहे है. जिससे ग्रामीणों में दशहत का माहौल पैदा हो गया है. चूंकि मजदूरों के संक्रमित क्षेत्र से आने के कारण गांवो में इनके खुलेआम घूमने से ग्रामीणो में कोरोना वायरस को लेकर भय और चिंता का माहौल है. ग्रामीणों को चिंता सता रही है कि यदि बाहर से आये मजदूर बाहर निकलते है तो इससे गांव के अन्य लोगों पर विपरित प्रभाव पड़ सकता है.  

आपसी सहयोग से उपसरपंच और जागरूक नागरिकों ने किया गांव में दवा का छिड़काव

मिली जानकारी अनुसार पंचायत द्वारा गांव में दवा का छिड़काव नहीं करने से ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए तत्कालीन तत्कालीन उपसरपंच श्रीमती सुलोचना कबिरे और जागरूक साथी गणेश धनोले, दिली धनोले, महेन्द्र कुंभरे सहित अन्य सहयोगियों ने आपसी मदद से ग्राम मंे ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया.  

क्वारेंटाईन सेंटर में ग्रामीणों की मदद से कराया भोजन

बताया जाता है कि ग्राम के माध्यमिक स्कूल को बाहर से आने वाले मजदूरों के ठहरने के लिए क्वारेंटाईन सेंटर बनाया गया था. जिसमें पहुंचे मजदूरों के भोजन के लिए भी पंचायत स्तर से कोई प्रबंध नहीं किया गया. जिनके भोजन की व्यवस्था के लिए ग्राम की तत्कालीन उपसरपंच और जागरूक नागरिकों ने गांव के लोगों से अनाज और सब्जी एकत्रित कर उन्हें भोजन कराया.  


इनका कहना है

ग्राम पंचायत के बीपीएल कार्डधारियों को छोड़कर अधिकांश गरीब परिवारांे को राशन दुकान से अनाज का एक दाना भी नहीं मिला है. पंचायत के द्वारा जो सूची बनाई गई थी, उस सूची को बनाये जाने के बाद भी आज तक सूची में दर्ज किये गये परिवारों के नाम पर कोई राशन नहीं आया है. जिससे गरीब परिवारों में राशन की कमी के कारण उन्हें परेशान होना पड़ रहा है. वहीं ग्राम में बाहर से आये मजदूर होम क्वारेंटाईन न रहकर गांव में घूम रहे है. जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल है. प्रशासन पंचायत के गरीबों के लिए राशन और बाहर से आये मजदूरों को होम क्वारेंटाईन रखने के लिए उचित प्रबंध करें, ताकि ग्राम के लोगों को राहत मिल सकें.

श्रीमती सुलोचना कबिरे, तत्कालीन उपसरपंच, ग्राम पंचायत कोसमारा

ग्राम पंचायत में प्रभावित गरीब परिवारों को राशन नहीं मिलने से उनकी परेशानियों को देखते हुए ग्राम के जागरूक सहयोगियों के साथ मिलकर गांव से ही अन्न एकत्रित जाकर गरीब परिवारों तक पहंुचाया गया. ग्राम के जागरूक नागरिकों के सहयोग से ही गांव में दवा का छिड़काव किया गया. पंचायत स्तर पर ग्राम के प्रभावित नागरिकों के राशन और ग्राम में दवा के छिड़काव की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है, गांव में अब तक किसी भी व्यक्ति को मॉस्क और सेनेटाईजर का कोई वितरण नहीं किया गया. पंचायत सरपंच और रोजगार सहायक बने सचिव द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.  

गणेश धनोले, जागरूक नागरिक

ग्राम में गरीबों को बांटे गये राशन के बारे में जानकारी ली जायेगी और यदि गरीब परिवारों तक राशन नहीं पहुंचा है तो उन्हें राशन पहुंचाया जायेगा. बाहर से आये मजदूरों को होम क्वारेंटाईन में रखने के लिए पुलिस को निर्देशित किया जायेगा, कि वह ऐसे लोगों को होम क्वारेंटाईन रखने के लिए समझाईश दे.

आयुषी जैन, एसडीएम, किरनापुर


Web Title : IN THE TRIBAL KOSMARA PANCHAYAT OF KIRAPUR AREA, THE POOR ARE NOT GETTING FOOD GRAINS, SARPANCH AND EMPLOYMENT ASSISTANTS, THE LABOURERS FROM HYDERABAD ROAMING IN THE VILLAGE.