बालाघाट. आरक्षी केन्द्र तिरोड़ी के थाना अंतर्गत महकेपार चौकी के चिटकादेवरी में 03 वर्षीय और 5 वर्षीय मासुम का अपहरण कर उनके साथ दुष्कर्म कर हत्या किए जाने के सनसनीखेज मामले में वारासिवनी न्यायालय के विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) श्रीमती कविता इवनाती की अदालत ने आरोपी तिरोड़ी थाना के महकेपार चौकी अंतर्गत ग्राम चिटकादेवरी निवासी 39 वर्षीय गिरधारी पिता धनपाल सोनवाने को मृत्युदंड की सजा से दंडित करने का आदेश दिया है. इस मामले को माननीय न्यायालय ने विरलतम मानते हुए निर्णय दिया है कि अभियुक्त की गर्दन में फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाए जब तक की उसके प्राणों का अंत न हो जाए. मामले में अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक शशिकांत पाटिल ने पैरवी की थी.
गौरतलब हो कि जिले के तिरोड़ी थाना के महकेपार चौकी अंतर्गत चिटकादेवरी निवासी गजानंद सोनवाने की 5 वर्षीय और 3 वर्षीय मासुम बेटियों का शव राजीव सागर बांध की कुड़वा नहर से बरामद किया था. जिन्हें उनके रिश्ते के ताउ गिरधारी सोनवाने के एक दिन पूर्व अपने साथ लेकर गया था. जिनका दूसरा दिन शव मिलने से सनसनी फैल गई थी. इस मामले में फरार ताउ गिरधारी सोनवाने को पुलिस ने 12 घंटे में ही गिरफ्तार किया था.
घटना 4 अप्रैल 2022 की सोमवार को रिश्ते में ताउ गिरधारी सोनवाने, ने अपने भाई की दोनो बेटी 5 वर्षीय और 3 वर्षीय को लेकर अपने साथ वाहन में लेकर निकला था. जिसे गांव के ही किसी ने देखने के बाद इसकी सूचना परिजनों को दी थी. जब देरशाम तक बेटियों के बारे में कुछ पता नहीं चला तो घबराये परिजनों ने इसकी जानकारी महकेपार पुलिस चौकी को दी थी. जिसके बाद पुलिस सहित ग्रामीण बच्चियो की खोज में जुट गये थे और पूरी रात पुलिस और ग्रामीणों ने बच्चियों की तलाश की, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला था. गत 5 अप्रैल को दोनो का शव कुड़वा नहर से पुलिस ने बरामद किया था, लेकिन बच्चियों को अपने साथ लेकर जाने वाला ताउ गिरधारी सोनवाने गायब था. जिसमे बाद में यह बात सामने आई थी कि जादूटोने के शक में उसने उसने अपने भाई की 3 वर्षीय बेटी की पत्थर से हत्या कर दी थी. जिसके बाद उसने 5 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म कर उसकी भी हत्या कर दी और दोनो के शव को केनाल में फेंक दिया था. इस मामले में माननीय न्यायालय में विचारण के दौरान 23 गवाह तथा वैज्ञानिक, मौखित एवं दस्तावेजी साक्ष्य न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए गए. माननीय न्यायालय ने प्रकरण में प्रस्तुत साक्ष्यों के गुणदोष के आधार पर विभिन्न धाराओ के तहत दोषी पाते हुए अभियुक्त को अन्य दंडो के साथ ही मृत्युदंड से दंडित करने का फैसला दिया हैं.