धान खरीदी 03 लाख मीट्रिक टन परिवहन डेढ़ लाख, खुले में पड़ी धान पर मौसम का मंडरा रहा खतरा

बालाघाट. जिले में धान उपार्जन का लेकर प्रशासनिक अमला कितना गंभीर है, इसका अंदाजा, इसी बात से लगाया जा सकता है कि जहां बीते वर्ष की अपेक्षा, धान खरीदी का जहां आंकड़ा पीछे है, वहीं खरीदी गई धान परिवहन को लेकर भी उतनी गंभीरता नजर नहीं आ रही है, जिस अनुपात में खरीदी गई धान, खरीदी केन्द्रो में पड़ी है, जिस पर मौसम का खतरा मंडरा रहा है.  

एक जानकारी के अनुसार एक दिसंबर से जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदी गई प्रारंभ की गई है. जिसमें बीते 03 जनवरी तक हुई धान खरीदी के आंकड़े पर गौर करें तो केन्द्र में धान विक्रय के लिए 92334 किसानो ने अपना स्लॉट बुक कराया है. जबकि 03 जनवरी तक समर्थन मूल्य पर 58482 किसानों से 646 करोड़ 04 लाख रूपए की 2959427 क्विंटल धान खरीदी जा चुकी है, जिसमें अब तक 29742 किसानों को 195 करोड़ 50 लाख का भुगतान किया गया है. जिसमें जिले में धान खरीदी आंकड़ा बढ़कर 04 जनवरी तक विपणन संघ के अनुसार 3 लाख 15 हजार मीट्रिक टन खरीदी का आंकड़ा भी जोड़ दिया जाए तो यह बीते वर्ष से कम है. जबकि इस वर्ष जिले में खरीदी गई धान के परिवहन की स्थिति एक लाख 60 हजार मीट्रिक टन है. यह परिवहन भी उस हालत में किया गया है, जब 5 परिवहनकर्ताओं के लगभग 350 ट्रक लगाए गए है.  

एक जानकारी के अनुसार परिवहन में देरी की वजह, विलंब से परिवहनकर्ताओं से परिवहन के किए गए अनुबंध को बताया जा रहा है. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार खरीदी के लगभग 21 दिन बाद 22 दिसंबर को परिवहनकर्ताओं से अनुबंध किया गया और 23 दिसंबर से परिवहन कार्य प्रारंभ किया गया. जिसके कारण, खरीदी गई धान की मात्रा की तुलना में आधी धान भी परिवहन नहीं हो सकी है.  चूंकि किसानों से धान खरीदी से लेकर उसके परिवहन तक अलग-अलग डिपार्टमेंट काम कर रहे है, जिनके काम से ही किसानों को उनकी विक्रय किए गए दामों को मिलने का समय तय होता है, यदि परिवहन में देरी होगी तो निश्चित ही किसानों को धान विक्रय की मिलने वाली राशि भी देरी से मिलेगी. फिलहाल जिस तरह से बीते वर्ष में हुई धान खरीदी के आंकड़े में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर विपणन संघ ने संभावित लक्ष्य तय किया है, उस मात्रा में खरीदी जाने वाली धान का परिवहन, कितने जल्द विभाग कर पाता है यह तो आने वाला समय ही बताएगा.  

राईस मिलर्स का उठाव भी कम

इस बार धान मिलिंग करने वाले राईस मिलर्स को सीधे उपार्जन केन्द्र से मिलिंग के लिए धान का उठाव करने के निर्देश है, ताकि विभाग को धान के स्टोरेज खर्च और सार्टेज से होने वाली परेशानी से राहत मिल सके. जिले में 40 लाख क्विंटल मिलिंग की क्षमता रखने वाले मिलर्स द्वारा वर्तमान तक जो उठाव किया गया है, वह केवल 31 हजार मीट्रिक टन है, जो भी काफी कम है. विपणन संघ लगातार जिले के मिलर्स को केन्द्र से धान उठाव को लेकर निर्देशित कर रहा है.  


इनका कहना है

जिले में अब तक लगभग 3 लाख 15 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी में एक लाख 60 हजार मीट्रिक टन धान का परिवहन किया जा चुका है. यह सही है कि परिवहन कम हो रहा है लेकिन हम परिवहन को बढ़ाने को लेकर लगातार प्रयासरत है और लगभग 350 ट्रक, परिवहन में लगाए गए है लेकिन बीते दिनों हड़ताल और अन्य कारणों से केन्द्र से उठाव नहीं हो सका अब परिवहन को तेज किया जाएगा.

श्री रघुवंशी, प्रबंधक, विपणन संघ


Web Title : PADDY PROCURED 03 LAKH METRIC TONNES TRANSPORTED ONE AND A HALF LAKH, PADDY LYING IN THE OPEN IS UNDER THREAT OF WEATHER