अतिक्रमण मुक्त शासकीय भूमि पर फिर अतिक्रमण की तैयारी,अतिक्रमणकारियों ने रखे ठेले, जनपद सदस्यों ने जताई नाराजगी

बालाघाट. प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा शासकीय जमीन पर अतिक्रमणकारियों द्वारा किये जाने वाले अतिक्रमण पर सख्ती से कार्यवाही किये जाने के निर्देश के बाद भी प्रशासनिक अमला खामोश बैठा और अतिक्रमण देखने के बाद केवल नोटिस चस्पा करने में जुटा है. जब बालाघाट मुख्यालय में यह हाल तो समझा जा सकता है कि पूरे जिले में रसूखदारों के अतिक्रमण को लेकर प्रशासन की कार्यवाही कैसे होगी. केवल कुछ गरीब रोजी, रोटी कमाने वालों को हटाकर भू-माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही किये जाने का स्वांग रच रहे प्रशासन को नगर मुख्यालय में हो रहे अतिक्रमण मुक्त भूमि पर पुनः अतिक्रमण दिखाई नहीं दे रहा है या फिर वह जानबूझकर नजरअंदाज करने में लगे है.

कांग्रेस शासन काल में हटा था वर्षो का अतिक्रमण

जयस्तंभ चौक के पास जनपद पंचायत बालाघाट की शासकीय भूमि और पशु चिकित्सा विभाग के पास शासकीय भूमि पर वर्षो से रसूखदारों और राजनीतिक नेताओं के निकटस्थ लोगों के अतिक्रमण थे. जिसे 15 साल तक रही भाजपा की सरकार नहीं हटा सकी थी लेकिन तत्कालीन कांग्रेस शासनकाल में भूमाफियाओ के खिलाफ तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के आदेश के बाद पूरे प्रदेश में भूमाफियाओं के खिलाफ एक्शन में आये प्रशासन ने कई बेशकीमती शासकीय जमीन को अतिक्रमण को मुक्त कराया था. इसी कड़ी में बालाघाट में भी जयस्तंभ चौक और पशु चिकित्सालय के भवन के पास अतिक्रमित की गई बेशकीमती जमीन पर सालों से किये गये अतिक्रमण को भारी-विवाद के बाद सख्ती से हटाने का काम किया गया था. जिसके बाद लगता था कि वाकई सरकार और प्रशासन एक्शन में है. लेकिन समय के साथ सरकार बदली और वर्तमान प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री ने भी भूमाफियाओं सहित अन्य माफियाओं के खिलाफ एक्शन करने के निर्देश प्रशासन को दिये है, लेकिन बालाघाट में लगता ही नहीं की कही अतिक्रमण है, जबकि वास्तविकता यह है कि पूरे जिले में सबसे ज्यादा रसूखदार और राजनीतिक पहुंच रखने वालों द्वारा अतिक्रमण कर न केवल बड़ी भवन तान लिये गये है अपितु काम्पलेक्स का संचालन कर व्यवसाय भी किया जा रहा है लेकिन प्रशासनिक कार्यवाही शांत और अधिकारी मौन है. जिले में लांजी और हाल ही में कटंगी के सीताखोह-आगरवाड़ा में अतिक्रमण की कार्यवाही को लेकर कोई बड़ी कार्यवाही जिले में अब तक नजर नहीं आई है. जबकि पूरे जिले में अतिक्रमण की मकड़जाल फैला होने से न केवल शहर की सौन्द्रर्यता नष्ट हो रही है अपितु इसका असर यातायात व्यवस्था पर भी पड़ रहा है.

फिर से जनपद पंचायत की शासकीय जमीन पर अतिक्रमणकारियों ने लगाये ठेले

जिस जनपद पंचायत की शासकीय भूमि पर तत्कालीन कांग्रेस शासनकाल में वर्षो से जमे अतिक्रमण को हटाया गया था. सरकार बदलने के बाद उस जमीन पर फिर से अतिक्रमणकारियों ने अपना अतिक्रमण करना शुरू कर दिया है. जिसके पहले चरण में वहां से हटाये गये अतिक्रमणकारियों ने अपने ठेले लगा दिये है. जिसके कुछ समय बाद वहां व्यवसाय प्रारंभ कर दिया जायेगा, लेकिन लगाये गये ठेले को सख्ती से हटाने की बजाये जनपद पंचायत बालाघाट नोटिस सूचना लगा रही है, जो हास्यापद है, जब जनपद पंचायत प्रबंधन को पता है कि वह जमीन उसकी है और उसकी जमीन पर अतिक्रमण कर ठेले पुनः लगाये जा रहे है तो उसे तत्काल कार्यवाही किया जाना चाहिये था. जिससे लगता है कि जनपद पंचायत प्रबंधन भी दबाव में है. जमीन पर अतिक्रमणकारियों द्वारा ठेला लगाये जाने के बाद जनपद ने सूचना चस्पा कर दी है. जब मीडिया ने इस बाबत सवाल किया तो अधिकारी हटाने और लगाये गये ठेलो को राजसात करने की बात कर रहे है.

कांग्रेस जनपद सदस्यों ने जताई नाराजगी

कांग्रेस जनपद सदस्य भुरू पटेल और श्री दशहरे ने जनपद पंचायत की भूमि पर किये गये पुनः अतिक्रमण पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि तत्कालीन सरकार में काफी मशक्कत के बाद सरकार के निर्देश पर शासकीय जमीन पर वर्षो से काबिज अतिक्रमण को हटाकर भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया था. जिसके बाद फिर उस पर मिलीभगत से अतिक्रमणकारियों द्वारा अतिक्रमण करने का प्रयास किया जा रहा है. जिस पर तत्काल कार्यवाही की जानी चाहिये. अन्यथा एक बार फिर यह शासकीय जमीन अतिक्रमणकारियों के कब्जे में चली जायेगी, जिसे दोबारा हटाने में फिर वही मशक्कत करनी पड़ेगी. उन्होंने आशंका जाहिर की कि कुछ स्थानीय लोगों की शय और अधिकारियों की मिलीभगत से ऐसा हो रहा है.

नाली बनाकर अतिक्रमण को रोकने का किया जायेगा प्रयास, राजसात होंगे ठेले

जनपद पंचायत के उपयंत्री श्री खरे ने कहा कि यह जो जगह खाली पड़ी है, उसमें कुछ अतिक्रमणकारियों द्वारा ठेले लगा दिये गये है. जिन्हें हटाने की सूचना नोटिस चस्पा के माध्यम से दी गई है. इसके अलावा सड़क किनारे से लगी जमीन पर नाली निर्माण करने के लिए चूने से लाईनिंग की गई है. यदि अतिक्रमणकारी अपने रखे ठेले नहीं ले जाते है तो इनकी सारी सामग्री को राजसात कर लिया जायेगा और इनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई जायेगी.

किसकी शय पर अतिक्रमणकारियों ने रखे ठेले

जयस्तंभ चौक से लगी जनपद की बेशकीमती जमीन और पशु चिकित्सालय के पास की जमीन से अतिक्रमण हटाये जाने के बाद यह विश्वास जताया गया था कि फिर अतिक्रमणकारियों को इस जगह पर अतिक्रमण करने नहीं दिया जायेगा, लेकिन वहां से हटाये गये अतिक्रमणकारी फिर से अतिक्रमण करने के लिए अपना ठेला लगा चुके है, इससे पहले की उनका व्यवसाय वहां प्रारंभ हो, इस पर कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता महसुस की जा रही है, साथ ही यह भी सवाल खड़े हो रहा है कि आखिर किसकी शय पर अतिक्रमण मुक्त शासकीय जगह पर अतिक्रमणकारी अतिक्रमण करने में जुटे है.  

Web Title : PREPARATIONS FOR RE ENCROACHMENT ON ENCROACHMENT FREE GOVERNMENT LAND, ENCROACHERS KEPT ON HANDCART, JANPAD MEMBERS EXPRESS DISPLEASURE