कोरोना में जान जोखिम में डालकर कार्य करने वाले आयुष चिकित्सको पर मंडरा रहा बेरोजगारी का खतरा,कोविड-19 में भर्ती किये गये आयुष चिकित्सको को सरकार कर रही निकालने की तैयारी

बालाघाट. वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम और स्थिति को संभालने के लिये प्रदेश के सभी जिलो में जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से अस्थाई आयुष चिकित्सको की भर्ती कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी द्वारा मेरिट के आधार पर की गई थी. जिसके अनुसार सम्पूर्ण प्रदेश में लगभग 850 अस्थाई आयुष चिकित्सको की भर्ती मार्च एवं अप्रैल में स्वास्थ्य विभाग में वर्षो से रिक्त पड़े पदों के विरुद्ध की गई थी.

पूरे प्रदेश में कोरोना की भयावह स्थिति को संभालने के लिए नियुक्त अस्थाई कोविड-19 आयुष चिकित्सको के लगभग 9 माह की निरंतर सेवा देने के बाद अब प्रदेश सरकार सभी कोरोना योद्वाओं को पुरूस्कार स्वरूप बेरोजगारी देने जा रही है. एक जानकारी के अनुसार 31 जनवरी को प्रदेश के लगभग 850 अस्थाई आयुष चिकित्सक बेरोजगार हो जायेंगे, जब उन्हें सरकार कार्य से बंद कर देगी.

प्रदेश में लगभग लाखों मरीजो का कोविड सेंपलिंग करके लाखो मरीजो का उपचार करके मरीजों को ठीक भी इन्ही आयुष चिकित्सको के माध्यम से किया गया है. सभी आयुष चिकित्सको के द्वारा लगातार सेंपलिंग, फीवर क्लीनिक, कोविड केयर सेंटर ड्यूटी, कोविड आईसीयु ड्यूटी की जा रही है. वहीं कोविड में अपनी जान जोखिम में डाल कर काम करने वाले कोविड-19 आयुष चिकित्सको की किसी भी प्रकार का प्रोत्साहन नही दिया गया है और न ही किसी भी कोविड-19 अस्थाई आयुष चिकित्सक को सरकार द्वारा कोरोना योद्धा माना गया है. जबकि प्रदेश में ड्यूटी के दौरान सैकड़ो आयुष चिकित्सको ने कोरोना पॉजिटिव होकर कोरोना का दंश भी झेला है.

स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों और शासन स्तर के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार अब प्रदेश में कोविड-19 आयुष चिकित्सको को सरकार द्वारा 31 जनवारी के बाद निकालने की पूरी तैयारी कर ली गई है. वर्तमान में प्रदेश के सभी कोविड केयर सेंटर बंद होने के बाद अब कोविड-19 में कार्य करने वाले आयुष चिकित्सको की सेवा समाप्त करने की कार्ययोजना सरकार द्वारा बनाई जा रही है. जिसके कारण अब प्रदेश भर में चिकित्सको को भारी कमी के कारण कोरोना मरीजो को शासकीय चिकित्सालयो उपचार के कारण परेशानी का सामना करना पड़ेगा और मजबूर होकर निजी चिकित्सालयो में लाखों रुपये खर्च करना पड़ेगा.

जिसको लेकर 11 जनवरी सोमवार को कोविड-19 आयुष चिकित्सक संघ मध्यप्रदेश की जिला इकाई बालाघाट द्वमुख्यमंत्री के नाम दो सूत्रीय मांगों का ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा गया. जिसमें वर्षो से चिकित्सक विहीन प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड-19 में कार्य करने वाले आयुष चिकित्सको की नियमितिकरण नियुक्ति की मांग की गई. प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अंकित असाटी ने कहा कि कोविड-19 में कार्य करने वाले आयुष चिकित्सको की सरकार की नियुक्ति करती है तो इससे प्रदेश के प्रत्येक सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक उपलब्ध होने के साथ साथ कोविड-19 मे काम करने वाले आयुष चिकित्सको का भविष्य भी सुरक्षित हो जायेगा और प्रदेश की ग्रामीण आम जनता को 24 घंटे ग्रामीण क्षेत्रो में चिकित्सकीय सेवायें उपलब्ध हो जायेगी.

प्रदेश अध्यक्ष डॉ. असाटी ने कहा कि वर्षो से प्रदेश के सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सक विहीन है और संपूर्ण प्रदेश में 2500 चिकित्सा अधिकारी और 700 आयुष चिकित्सा अधिकारी के पद रिक्त है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन्ही रिक्त चिकित्सको के स्थान पर सम्पूर्ण प्रदेश में अस्थाई कोविड-19 आयुष चिकित्सको को नियमितिकरण कर चिकित्सक विहीन सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों कोविड-19 आयुष चिकित्सको भर्ती की जा सकती है. प्रदेश के अस्थाई कोविड-19 आयुष चिकित्सको को चिकित्सक विहीन सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रिक्त चिकित्सको के पदों में नियमितिकरण कर कोविड-19 आयुष चिकित्सको को प्रोत्साहन दे सकती है.  

उन्होंने बताया कि दूसरी मांग के रूप में कोविड-19 आयुष चिकित्सक संघ ने कोविड-19 के नियंत्रण और रोकथाम मंे लगे आयुष चिकित्सको को कोरोना वेक्सिन के लिए वेक्सीनेटर के रूप में उपयोग कर चिकित्सकों के भविष्य सुरक्षित किये जाने की मांग की है.  

Web Title : RISK OF UNEMPLOYMENT LOOMING OVER AYUSH DOCTORS WORKING AT RISK IN CORONA, GOVERNMENT PREPARES TO EVACUATE AYUSH DOCTORS RECRUITED IN COVID 19