बालाघाट. आगामी दिनों में होने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर दावेदार सक्रिय हो गए है. बात करें भाजपा की तो यहां दावेदारी को लेकर पार्टी आलाकमान के सामने दावेदारों द्वारा अपनी-अपनी दावेदारी की जा रही है. वहीं शीर्ष नेतृत्व द्वारा प्रत्याशी के नामों को लेकर मंथन भी शुरू कर दिया गया है. इसी कड़ी में बालाघाट-सिवनी संसदीय क्षेत्र से समाजसेवी धनेन्द्र हनवत द्वारा भाजपा से अपनी दावेदारी पार्टी जिलाध्यक्ष रामकिशोर कावरे, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद वी. डी शर्मा सहित भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के समक्ष की है. इसके अलावा उनके द्वारा भाजपा के वरिष्ठ नेता वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय चुनाव समिति और भारतीय जनता पार्टी संसदीय बोर्ड के सदस्य सत्यनारायण जटिया से भी मुलाकात कर अपनी दावेदारी पेश की गई है.
उल्लेखनीय है कि धनेन्द्र हनवत काफी समय से पार्टी में कार्यकर्ता के रूप में अपनी सेवा दे रहे है. इसके अलावा जिला सहित प्रदेश एवं देश में नशा मुक्ति के माध्यम से समाजसेवा का काम कर रहे है और वे पंवार समाज से भी आते है. चूंकि जिले में पंवार जाति का काफी बाहुल्य है, इसलिए ऐसी संभावना जताई जा रही है कि अब तक भाजपा ने संसदीय चुनाव में अधिकांश पंवार जाति को मौका दिया है, जिसके चलते इस बार भी भाजपा, जिले से सांसद के रूप में पंवार समाज के ही व्यक्ति को अपना प्रत्याशी बनाएगी. जिससे धनेन्द्र हनवत की जाति समुदाय से आने से दावेदारी मजबूत मानी जा रही है. सूत्रों की मानें तो धनेंद्र हनवत के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कई वरिष्ठ अधिकारियों से भी काफी अच्छे रिश्ते हैं यही कारण है कि उन्हें पुनः वर्तमान में भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा गठित राष्ट्रीय नशा मुक्ति एवं पुनर्वास सलाहकार समिति के सदस्य और नशा मुक्ति अभियान संगठन का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
गौरतलब हो कि बालाघाट जैसे आदिवासी बहुल जिले से पूरे प्रदेश और देश भर में ‘नशा मुक्ति अभियान संगठन’ के संयोजक धनेन्द्र हनवत ने अपने त्याग- समर्पण और कार्यनिष्ठा के बूते विशिष्ट पहचान बनाई है! उन्होंने सिद्ध कर दिया कि बिना किसी सत्ताधारी नेता के घर में पैदा हुए बिना औ किसी भ्रष्टाचारी स्रोतों से अर्जित काली कमाई के बिना भी जनमानस पर छाप छोड़ी जा सकती है. धनेन्द्र हनवत जैसे व्यक्ति को आगामी लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी का अवसर देकर नैतिक और नशा मुक्त समाज के हित में भारतीय जनता पार्टी न केवल जातिगत मतों के समीकरण को ही साध सकेगी, बल्कि नशामुक्त समाज के निर्माण के लिए प्रेरक और नैतिक सुछवि भी बना सकेगी.
बीते वर्ष में जिस प्रकार से विधानसभा चुनाव मंे देखने को मिला, उससे यह साफ है कि लोकसभा क्षेत्र बालाघाट- सिवनी के मतदातागण एक व्यक्ति, एक परिवार की महत्वाकांक्षी सत्ता-लिप्सा के विरुद्ध मतदान की मानसिकता बना चुके हैं. चूंकि धनेन्द्र हनवत, संघ की वैचारिक धरोहर और आनुवांशिक संगठनों से भी जुड़कर पिछले कई सालों से प्राणपण से जुटे हुए हैं. गौरतलब हो कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा इस बार लोकसभा चुनाव में नए चेहरों को टिकट दी जा रही है. मोदी जी के नेतृत्व में देश में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनाने प्रत्याशियों को लेकर गहन मंथन किया जा रहा है. समाजसेवी धनेन्द्र हनवत की नशा मुक्ति अभियान के चलते पूरे जिले में अच्छी खासी पकड़ है. जिससे पार्टी उन पर दांव लगा सकती है. यही नही बल्कि उन्हें एक चुनाव लड़ने का भी अनुभव है, बीते 2003 में किरनापुर विधानसभा का चुनाव लड़ चुके धनेन्द्र हनवत, भले ही अपनी जीत को सुनिश्चित नहीं कर सके थे लेकिन अपनी मजबूत दावेदारी पेश की थी. दूसरा वह लगातार जिले में नशामुक्त समाज और नशामुक्त ग्राम बनाने को लेकर संघर्षरत रहे, जिसका परिणाम है, आज जिले के गांव-गांव से नशामुक्त गांव और समाज बनाने की आवाज उठने लगी है.