19 जनवरी को पांच स्थानों से निकलेगी श्रीराम बालाजी ग्राम यात्रा, रामपायली में होगा यात्राओं का मिलन, केले के पत्ते में होगा भोजन

बालाघाट. विगत चार वर्षो से लगातार श्रीराम सेवा समिति रापायली द्वारा रामपायली स्थित भगवान श्रीराम की प्रसिद्धी को चहुंओर ले जाने की मंशा से श्रीराम बालाजी ग्राम मंगल यात्रा के नाम से, यात्रा निकाली जाती है, जिसमंे लगातार लोगांे के जुड़ने का क्रम जारी है, पहले साल की अपेक्षा प्रतिवर्ष ग्राम मंगल यात्रा में लोगों की संख्या बढ़ते चली जा रही है और इस वर्ष आयोजक श्रीराम सेवा समिति को उम्मीद है कि आगामी 19 जनवरी को रामपायली के पांच गांवो से निकाली जाने वाली श्री बालाजी ग्राम मंगल यात्रा में लगभग 40 हजार लोग होंगे. खास बात यह है कि इन सभी के खाने की व्यवस्था के दौरान भोजन कराने की व्यवस्था पूरी तरह से इको फ्रेंडली रखी गई है, वहीं यह पूरी यात्रा भी पूरी तरह से इको फ्रेंडली होती है. श्रीराम सेवा समिति इसके अलावा जैविक खेती को बढ़ावा देने का भी काम कर रही है.  

श्रीराम सेवा समिति द्वारा आयोजित कराये जा रहे श्रीराम बालाजी ग्राम मंगल पदयात्रा को लेकर समिति से जुड़े प्रभात अग्रवाल ने आयोजन को लेकर विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पांचवे वर्ष में यह यात्रा पांच गांव जरामोहगांव, लिंगमारा, वारासिवनी, आरंभा और भेंडारा की पदयात्रा प्रातः एक साथ 7 बजे प्रारंभ होकर लगभग 11 बजे तक वह रामपायली भगवान श्रीराम मंदिर पहुंचेगी. जहां महाआरती के बाद यात्रा में शामिल लोगों को केले के पत्ते में भोजन कराया जायेगा. बताया जाता है कि केले के पत्तो का इंतजाम आसपास के गांवो से किया जाता है.  

श्री अग्रवाल ने बताया कि जिस-जिस गांव और जहां-जहां से यह यात्रा गुजरेगी, वहां-वहां इसका स्वागत भी इको फेंडली तरीके से किया जायेगा. पूरा गांव-गांव का खुशी के माहौल में यात्रा के स्वागत में जुटा रहेगा. खास बात यह है कि इस पूरी यात्रा में कभी भी प्लास्टिक का उपयोग नहीं होगा. जिसके माध्यम से समिति विगत चार वर्षो से पॉलीथिन मुक्त का भी संदेश दे रही है. उन्होंने बताया कि इसी दिन यात्रा के अवसर पर रामपायली में ही ग्रामीण हाट बाजार आयोजित किया जायेगा. जिसमें गांवों के उद्यमियों द्वारा तैयार उत्पादों का प्रदर्शन एवं विक्रय, मिट्टी के बर्तन, जैविक कृषि के लिए खाद, दवाईयां, लाख की चूड़ियां, पूजन धार्मिक सामग्री, गोधन उत्पाद, मूर्तियां एवं सिल पत्थर तथा साहित्य भंडार की दुकाने लगाई जायेगी. उन्होंने कहा कि इस यात्रा को धर्ममय यात्रा के रूप में भी देखा जा सकता है, ताकि लोगों को पता चले कि भगवान श्रीराम वनगमन के दौरान कुछ समय यहां रूके थे, इसलिए यह श्रीराम नगरी एक पावन और ऐतिहासिक एवं पर्यटन स्थल है, जहां आने से पापों का नाश और पुण्यों की प्राप्ति होती है.

कार्यक्रम संयोजक महेश खजांची ने जिलेवासियों और ग्रामीणजनों से अधिकाधिक संख्या में उपस्थिति की अपील की है. कार्यक्रम को लेकर आयोजित प्रेसवार्ता में संयोजक महेश खजांची, सहसंयोजक लाल बहादुर राहंगडाले, प्रभात अग्रवाल, वैभव कश्यप, रविन्द्रसिंह बैस, शिवदयाल बोपचे और श्रीरंग देवरस मौजूद थे.

गौरतलब हो कि जिले की पावन नगरी रामपायली में विराजित भगवान श्रीराम के आगमन के कारण प्रसिद्ध है, जहां केवल भगवान श्रीराम मंदिर की ऐसी मूर्ति अन्य जगह नहीं देखने को मिलती है. जिसका इतिहास काफी पुराना है, बताया जाता है कि प्रतिमा अनेक वर्षो पूर्व चंदन नदी में स्वयं की प्रगट हुई थी, जिसे विधिविधान से मंदिर में लाकर विराजित किया गया. इस सिद्धस्थल पर भगवान हनुमान और शिवलिंग की प्रतिमा के भी स्वयं प्रगट होने की बात जानकार बताते है. बताया जाता है कि रामपायली स्थित भगवान श्रीराम मंदिर में सूर्य की पहली किरण उनके चरणों को छुती है. जो एक धार्मिक और सिद्धस्थल है, जो अन्य श्रीराम नगरी की तरह पुण्यदायिनी स्थल है. जिसके पास से ही चंदन नदी गुजरती है.

Web Title : SRIRAM BALAJI GRAM YATRA TO BE LAUNCHED FROM FIVE PLACES ON 19TH JANUARY, VISIT TO RAMPIPALLI, FOOD IN BANANA LEAF