सत्य प्रताड़ित हो सकता है परास्त नहीं-अनुराग,कोतवाली में दर्ज मामले में युवा नेता अनुराग चतुरमोहता को मिली जमानत, मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोपो के तहत दर्ज कराया मामला

बालाघाट. कांग्रेस के नेता अनुराग चतुमोहता, हितेश अग्रवाल तथा दो अन्य पर गोंदिया निवासी अर्णिता पति कुणाल अग्रवाल द्वारा होटल गुलमोहर में बंद कर उससे मारपीट कर जान से मारने की धमकी देकर जबरन वसूली मामले की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने पुलिस ने भादवि कि धारा 386,342,120 बी के तहत बीते शुक्रवार की रात्रि युवा नेता अनुराग चतुरमोहता को गिरफ्तार किया था.  

शिकायत में अर्णिता पति कुणाल अग्रवाल ने पुलिस को बताया था कि 31 अगस्त की रात्रि कुणाल अग्रवाल को होटल गुलमोहर में अनुराग चतुरमोहता एवं उसके साथियों द्वारा लाखों रुपयों की मांग करते हुए कमरे में बंद कर मारपीट की गई और गोंदिया पहुंच उसके साथियों द्वारा कुणाल की पत्नी अर्णिता से लाखों के गहने एवं रुपयों की वसूली की गई. जिसमें पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कोतवाली पुलिस ने 1 अक्टूबर की रात्रि मामला दर्ज कर कांग्रेस नेता अनुराग चतुमोहता को गिरफ्तार कर लिया था. जिसे पुलिस ने आज 2 अक्टूबर को बालाघाट के माननीय न्यायालय में पेश किया. जहां से उन्हें न्यायालय ने जमानत दे दी है.  

जमानत पर रिहा होने के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए युवा नेता अनुराग चतुरमोहता ने कहा कि सत्य प्रताड़ित हो सकता है परास्त नहीं. मुझे न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है, मेरे और हितेश अग्रवाल के 3 करोड़ 5 लाख रूपये उन बहुरूपियों से लेना है. जिसके विरोध में उनके द्वारा एक बड़ी एफआईआर गोंदिया मंे दर्ज कराई गई. जिसमें मुझे अग्रिम जमानत मिलने पर जब मैं पुलिस अधीक्षक से इस मामले में चर्चा करने गया था. जिसके बाद मेरे खिलाफ बालाघाट कोतवाली में बड़ा केस दर्ज किया जाता है. बेबुनियाद आरोपो के तहत मेरे खिलाफ कुछ राजनीतिज्ञो के ईशारे पर दर्ज कराया गया, जिन्हें लगता है कि मैं उनके लिए गले की हड्डी हो सकता हूॅं, मेरा मानना है कि प्रतिस्पर्धा होनी चाहिये, लेकिन जो किया गया है वह सही नहीं है. समय बड़ा बलवान होता है, सबका आता है, किसी न किसी दिन मेरा भी आयेगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 138 के तहत नोटिस दिया गया है और केस दर्ज कराया गया है आज नहीं कल, एक साल, दो साल बाद जब भी होगा, हमें न्याय मिलेगा, लेकिन अब यह लड़ाई पैसे की नहीं बल्कि जिद और प्रतिष्ठा की है.  

गौरतलब हो कि कथित लेनदेन के मामले में पीड़ित कुणाल अग्रवाल द्वारा गोंदिया में कथित तौर से आत्महत्या किये जाने के मामले के बाद राजनीतिक रूप से सशक्त होते जा रहे अनुराग चतुरमोहता को रोकने और व्यक्तिगत रंजिश के चलते उनके खिलाफ योजनाबद्व तरीके से मामला दर्ज कराया गया. जिसमें अग्रिम जमानत मिलने के बाद ही दूसरा मामला कोतवाली में दर्ज कराया गया. खास बात यह रही कि इस इस बड़े और राजनीतिक व्यक्तित्व से जुड़े इस मामले में पुलिस छोटे-छोटे मामले की जानकारी देने के बाद इस पर बोलने से बचती रही. बहरहाल एफआईआर के तत्काल बाद युवा नेता अनुराग चतुरमोहता की गिरफ्तारी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है.  


Web Title : TRUTH MAY NOT BE TORTURED ANURAG, YOUNG LEADER ANURAG CHATURMOHTA GRANTED BAIL IN KOTWALI CASE, CASE REGISTERED AGAINST ME UNDER BASELESS CHARGES