यौमे बदर का रोजा आज, 21 वें रोजे से शुरू होगा तीसरा और अंतिम अशरा

बालाघाट. इस्लाम धर्म के पांच प्रमुख फर्ज में रोजा एक फर्ज है. जो माहे रमजान की आमद के साथ पूरा एक माह रखा जाता है, रमजान के पवित्र माह में पांचो वक्त की नमाज के अलावा तराबी की विशेष नमाज भी पढ़ी जाती है. इसी पवित्र माह रमजान में अल्लाह की पवित्र किताब ‘‘कुरान’’ पैगंबर हजरत मोहम्मद पर उतारी गई. जिसमें पूरी दुनिया के लोगों की भलाई और बेहतरी तथा अमन, शांति का संदेश दिया गया.  

माहे रमजान के पूरे माह में कुछ खास तारीखें है, जिनको धर्मावलंबी और रोजदार, उन दिनों को बड़े ही अकीदत के साथ मनाते है. जिसमें माहे रमजान के पहले रोजे को गौसे आजम की यौमे पैदाईश, तीसरे रोजे को हजरते फातिमा के विसाल की तारीख, दसवे रोजे को हजरते खतिजा के विसाल की तारीख पर विभिन्न धार्मिक आयोजन किये गये.  

इसी क्रम में आज सत्रवां रोजा पूरी अकीदत के साथ शहीदाने बद्र और हजरतें आयशा सिद्धीका की याद में मनाया जायेगा. धार्मिक मान्यता अनुसार जब पैेगंबर इस्लाम हजरत मोहम्मद मक्का से हिजरत करके मदिना शरीफ जाने के बाद भी धर्म विरोधी लोगांे द्धारा उनको ओर उनके अनुयायियांे को परेशान किया जाने लगा, तब धर्म और इंसानियत को बचाने के लिए मदिना से 80 किमी दूर बद्र के मैदान में हुए पहले धर्मयुद्ध में इस्लाम को कामयाबी मिली. इस लड़ाई की खासियत यह थी कि एक तरफ हजारों का लश्कर था, जिसे शिकस्त मिली और दूसरी तरफ सिर्फ 313 ही लोग थे, जिन्हें कामयाबी मिली. इसका जिक्र, कुरान में भी आया है, मगर इस लड़ाई में लगभग 14 लोग शहीद हुए थे. इन शहीदाने बदर की याद में रोजादार, इनके नाम से सहरी, इफ्तारी और प्रवचन के कार्यक्रम करते है.

उक्ताशय की जानकारी रजा एक्शन कमेटी के जिलाध्यक्ष इमरान रजा ने देते हुए बताया कि अभी माहे रमजान का दूसरा अशरा अंतिम दौर में है और 21 वें रोजे से रमजान का तीसरा और अंतिम अशरा शुरू हो जायेगा. जिलाध्यक्ष इमरान रजा ने जिले के सभी मुस्लिम धर्मावलंबियों से अपील की है कि आज 9 अप्रैल को मनाये जाने वाले यौमे बदर के रोजे को पूरी अकीदत के साथ धार्मिक मान्यता एवं परंपरानुसार मनाये.  


Web Title : YAUME BADARS FAST BEGINS TODAY, THIRD AND FINAL ASHARA WILL BEGIN ON 21ST DAY