एशिया स्तरीय वाशरी का अस्तित्व खतरे में, सैकड़ों करोड़ का मशीन डूब रहा है कीचड़ में

कुमारधुबी(बंटी झा) :- बीसीसीएल एरिया 12 दहीबाड़ी के अत्याधुनिक वाशरी का निर्माण लगभग 130 करोड़ रुपए से किया गया था. दहीबाड़ी वाशरी को एशिया का इको फ्रेंड वाशरी के रूप में निर्माण किया गया था. वाशरी का उद्घाटन काफी तामझाम के साथ तत्कालीन कोयला सचिव सुशील कुमार द्वारा किया गया था. वाशरी के संचालन एवं मशीनों के रखरखाव का जिम्मा बीओएम फार्मूले पर एसीबी इंडिया आउटसोर्सिंग कंपनी को दिया गया है. वही कोयला धुलाई एवं रखरखाव मेंटेनेंस के नाम पर एसीबी कंपनी करोड़ों रुपए भारत कोकिंग कोल लिमिटेड से हर महीने ले रहा है. पर इस अत्याधुनिक वाशरी से काम कर रहे मजदूर खुश है नाही वाशरी के आसपास रहने वाले जनजीवन. स्थानीय मुखिया रिंटू पाठक (सुभाष) ने बताया वाशरी कंपनी मजदूरों को समान काम का समान वेतन भी नहीं देता है. इको फ्रेंड से निकलने वाले डस्ट से साधारण जनजीवन अस्त व्यस्त है. वही वाशरी से निकलने वाले तरल पदार्थ से दुर्घटना की संभावनाएं हमेशा बनी रहती है. वहीं मजदूर उचित वेतन, पीएफ सुरक्षा, ईएसआई संबंधी मांगों को लेकर वाशरी के मुख्य गेट पर बैठ घंटों प्रदर्शन किए. मजदूरों ने बताया वाशरी प्रबंधन से जब भी उचित वेतन, पीएफ, सुरक्षा संबंधी बातों को रखा जाता है प्रबंधन हम लोगों को काम से निकाल देने की बात कर डराया धमकाया जाता है. मजदूरों ने बताया वाशरी के अंदर बने करोड़ों रुपए के सड़क कीचड़ से ढक चुका है. नीचे फ्लोर के कई मशीनों को कीचड़ अपने कब्जे में ले चुका है. हर स्विफ्ट के टेक्नीशियन अपनी जान को जोखिम में डालकर मशीनों को संचालन करने के लिए विवश है. जिससे कभी भी एक बड़ा हादसा होने की संभावनाएं बनी हुई है. हालांकि पहले भी वाशरी प्रबंधन के लापरवाही के कारण एक मजदूर का हाथ कट चुका है. वही एक का  दर्दनाक मौत भी  हो चुका है. इस हादसों से वाशरी प्रबंधन अब तक किसी प्रकार की सीख नहीं लिया है. वही इन मशीनों का भी कीचड़ के कारण बहुत जल्द नष्ट हो जाने की संभावनाएं भी है.