धनबाद : भारतीय संविधान के निर्माता, समाज सुधारक डॉ. भीमराव अंबेडकर की शुक्रवार को 63वीं पुण्यतिथि है. इस मौके पर स्टेशन रोड स्थित बाबा भीमराव अंबेडकर की आदमकद प्रतिमा पर सैकड़ो गणमान्य लोगों ने माल्यार्पण कर उन्हें याद किया. साथ ही उनके बताए मार्गो का अनुसरण करने की बात कही. बाबा साहेब अंबेडकर ने छह दिसंबर 1956 को अंतिम सांस ली थी. आज के दिन ´परिनिर्वाण दिवस´ के रूप में मनाया जाता है. अंबेडकर दलित वर्ग को समानता दिलाने के लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे. वे दलित समुदाय के लिए एक ऐसी अलग राजनैतिक पहचान की वकालत करते रहे. डॉ. अंबेडकर ने सामाजिक छुआ-छूत और जातिवाद के खात्मे के लिए काफी आंदोलन किए. उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों, दलितों और समाज के पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए न्योछावर कर दिया. अंबेडकर ने खुद भी उस छुआछूत, भेदभाव और जातिवाद का सामना किया है, जिसने भारतीय समाज को खोखला बना दिया था.