सिटी लाइव की खबर पर डीएसई ने लिया संज्ञान, डिनोबली प्राचार्य ने उन्हें भ्रमित कर दिया, कहा-हमने फीस नहीं मांगी

धनबादः डिगवाडीह स्थित डिनोबली स्कूल एफआरआइ द्वारा अभिभावकों से मार्च-अप्रैल की फीस मांगने की सिटी लाइव की खबर पर डीएसई (जिला शिक्षा अधीक्षक) ने संज्ञान लिया है. कोरोना संकट, लाॅकडाउन, राज्य के शिक्षा मंत्री के आदेश और झारखंड अधिविद्य परिषद् (जैक) के पत्र मिलने के बाद भी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों के मोबाइल पर मैसेज कर फीस की चर्चा करने के इस मामले में धनबाद के डीएसई इंदु भूषण सिंह ने डिनोबली एफआरआइ स्कूल के प्राचार्य से बात की. उन्होंने पूछा कि इस विपदा की घड़ी में जब सभी लोग लाॅकडाउन की वजह से बंद हैं. शिक्षा मंत्री ने भी आदेश दिया है और इस बाबत जैक का पत्र भी सभी निजी स्कूलों के प्राचार्यों को भेज दिया गया है, तो मैसेज भेज कर फीस क्यों मांगी गई. इस पर प्राचार्य ने मासूमियत के साथ जवाब दे दिया. साथ ही, वाट्सएप के माध्यम से एक प्रतियुत्तर भेजा.  

डिनोबली प्राचार्य ने बताया कि एप का मैसेज भेजा गया हैः डीएसई

धनबाद के जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) ने सिटी लाइव को बताया कि, ‘‘इस मामले में जब मैंने डिनोबली स्कूल एफआरआइ के प्राचार्य से बात की, तो उन्होंने यह बताया कि नया एप का मैसेज हमलोगों ने अभिभावकों के मोबाइल पर भेजा है, फीस नहीं मांगी है. ’’  

 अपने जवाब से डीएसई को डिनोबली एफआरआइ के प्राचार्य ने बरगलाया 

डीएसई द्वारा पूछे जाने पर डिनोबली एफआरआइ के प्राचार्य ने उन्हें वाट्सएप के माध्यम से अंग्रेजी में एक जवाब दिया, जिसका हिन्दी अनुवाद है कि-‘‘हमलोगों ने नए शैक्षणिक सत्र से अभिभावकों के लिए एक नया मोबाइल एप शुरू किया है. अभिभावकों द्वारा पूछा गया था कि इस एप में सभी महीने नहीं दिख रहे हैं. चूंकि, यह एक नया एप है, कंपनी इस एप पर अभी काम कर ही रही है. इसलिए अभिभावकों को जो मैसेज भेजा गया था, वह केवल एप में देखने की सूचना थी. हमलोगों ने अभिभावकों को फीस भरने के लिए न तो कहा और न ही बाध्य किया क्योंकि अभी गंभीर स्थिति से पूरा देश गुजर रहा है. ’’ प्राचार्य ने यह जवाब देकर न केवल अपनी गलती छुपाई, बल्कि जिला शिक्षा अधीक्षक को भ्रमित करने में भी सफल हो गए. कारण, विगत 30 मार्च को स्कूल की तरफ से लगभग नौ बजकर 41 मिनट पर अभिभावकों को एप का मैसेज भेजा गया था. इस मैसेेज को भेजने के दो घंटे से ज्यादा बीतने के बाद 11. 58 बजे दूसरा मैसेज स्कूल प्रबंधन की ओर से भेजा जाता है, जिसमें मार्च-अप्रैल 2020 की फीस का जिक्र होता है. ऐसे में, सवाल उठता है कि जब प्राचार्य यह स्वीकारते हैं कि अभिभावकों को एप का मैसेज भेजा गया था, तो फिर दो घंटे के बाद फीस संबंधी मैसेज किसने और क्यों भेजा. डीएसई को दिए जवाब में प्राचार्य ने इसपर न तो कुछ बताया है और न ही ये स्वीकारा है कि स्कूल प्रबंधन की ओर से फीस का मैसेज भेजकर अभिभावकों को बेवजह तनाव में क्यूँ डाला.  

सिटी लाइव को न्यूज डिलीट करने का किया आग्रह 

सिटी लाइव में डिनोबली स्कूल एफआरआइ द्वारा फीस का मैसेज भेजे जाने संबंधी खबर जब प्रकाशित की गई, तो महज एक घंटे के भीतर स्कूल के प्राचार्य ने सिटी लाइव से फोन पर उस न्यूज को डिलीट करने का आग्रह किया. सिटी लाइव द्वारा नकारे जाने पर उन्होंने यह सफाई दी कि फीस का मैसेज भेजा जाना एकाउंट विभाग की नासमझी है.  

 अपने पहले बयान से मुकरे प्राचार्य 

सिटी लाइव ने खबर बनाने से पूर्व उनसे उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि एप का मैसेज भेजा गया है. साथ ही, यह भी चर्चा कि यदि पैसे नहीं रहेंगे, तो शिक्षकों को वेतन कहां से देंगे. लेकिन, खबर प्रकाशित होने के बाद उनका यह कहना कि मैसेज भेजा जाना स्कूल के एकाउंट विभाग की नासमझी है, प्राचार्य को संदेह के घेरे में डालता है.    

शिक्षा मंत्री ने यह दिया है आदेश 

झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा है कि निजी स्कूल लॉक डाउन की अवधि की ट्यूशन और बस फीस नहीं ले सकते. मंत्री ने यह भी कहा कि वर्तमान करोना संकट में सभी का सहयोग जरूरी है और निजी स्कूलों को भी इसके लिए आगे आना चाहिए. इसके बावजूद यदि कोई स्कूल अभिभावकों से उक्त अवधि का शुल्क वसूलते हैं तो उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी. मंत्री का कहना है कि जब स्कूल बंद होने की स्थिति में बस चलेगी ही नहीं तो स्कूल बस शुल्क कैसे ले सकते हैं? बता दें कि कई स्कूल गर्मी की छुट्टी की अवधि का बस शुल्क अभिभावकों से नहीं लेते. हालांकि कई स्कूल इस अवकाश अवधि का भी शुल्क वसूलते हैं.

जैक ने सभी स्कूलों को पत्र देकर कहा है कि ना लें लाॅकडाउन अवधि की फीस

झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) के सचिव महीप सिंह ने 31 मार्च को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी, जैक, सीबीएसई, आइसीएसई सहित अन्य बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों के प्राचार्य को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने शिक्षा मंत्री के आदेश का हवाला देते हुए लाॅक डाउन अवधि की फीस और बस किराया विद्यार्थियों ने न वसूलने का अनुरोध किया है.    

धनबाद के श्री श्री सूर्यदेव सिंह स्मृति गुरूकुलम ने कर दिया है फीस माफ

केरोना संकट और लाॅकडाउन को लेकर हुई समस्याओं को देखते हुए धनबाद के श्री श्री सूर्यदेव सिंह स्मृति गुरूकुलम स्कूल ने अप्रैल-जून तक का शुल्क माफ करने की घोषणा की है. विद्यालय प्रबंधन के इस फैसले की काफी लोगों ने सराहना की है.