केन्द्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान के सेमिनार में पहुंचीं राज्यपाल, कहा लाइवलीहुड पर विशेष ध्यान देने की जरुरत

धनबाद. झारखंड में 29. 6 प्रतिशत एरिया वन भूमि है. खनन क्षेत्र में काम करने वाले इंडस्ट्री को लाइवलीहुड पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है. पर्यावरण संरक्षण के साथ आदिवासी विस्थापन में सामाजिक उत्थान के लिए उन्हें आगे आने की जरुरत है.

ये बातें राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने खनन एवं ईंधन अनुसंधान केंद्र में शुक्रवार को डेवलप एंड एडवांस माइनिंग टेक्नोलॉजी पर दो दिवसीय सेमिनार का शुभारंभ करने के बाद अपने संबोधन में कही. सेमिनार का विषय ´खनन क्षेत्र में प्रगतियां´ था.

आगे उन्होंने कहा कि सिंफर माइनिंग के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी एडवांस टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है, जो कि काफी गौरव की बात है.  


देश का 40 फीसद खनिज भंडार झारखंड में

राज्यपाल ने कहा कि यह काफी गौरव की बात है कि झारखंड पूरे देश का 40 फीसद खनिज भंडार से भरा है. यहां कोयला, लोहा, कॉपर, मैग्नीज, बॉक्साइट जैसे खनिज संपदा है. राज्य सरकार उद्योग जगत के साथ मिलकर एक कार्यक्रम तय करें, ताकि पर्यावरण प्रदूषित होने से कैसे बचाया जा सके. पर्यावरण को बचाने के लिए हमें गंभीरता से पहल करने की जरूरत है.

532 प्रोजेक्ट पर हो रहा काम 

सिंफर के निदेशक डॉ पीके सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि सैंपल लगातार अपने अनुसंधान के जरिए कई क्षेत्रों में बेहतर काम कर रही है. इसी का नतीजा है कि 3 साल से लगातार इस संस्थान को पुरस्कार मिल रहे हैं. 532 प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है. हाइड्रो प्रोजेक्ट से लेकर सीमा सुरक्षा के तहत भी हमलोग काम कर रहे हैं.  

ग्लोबलाइजेशन युग मे माइनिंग सेक्टर चुनौती- शेखावत

हिंदुस्तान जिंक के निदेशक ऑपरेशन सिंह शेखावत ने कहा कि आज ग्लोबलाइजेशन के इस युग में माइनिंग सेक्टर की चुनौती है, लेकिन हम देश के जीडीपी में भी काफी अग्रसर भूमिका निभा रहे हैं. सिंफर का रिसर्च खनन क्षेत्र में काफी लाभदायक साबित हो रहा है. मौके पर सांसद पीएन सिंह, बीसीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद, वैज्ञानिक सत्येंद्र सिंह, कार्यक्रम के संयोजक प्रभात मंडल आदि मौजूद थे.