IIT आइएसएम के वैज्ञानिकों ने बनाया अनूठा वेंटिलेटर अडॉप्टर, एक मशीन से बचेगी चार जिंदगी

धनबाद. देश भर के अस्पतालों में फिलहाल वेंटिलेटर की काफी कमी बतायी जा रही है. कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए वेंटिलेटर की आवश्यकता है. ऐसे में धनबाद आइआइटी आइएसएम के वैज्ञानिकों ने एक अनूठा वेंटिलेटर तैयार किया है. जिससे एक मशीन से चार लोगों की जिंदगी बचायी जा सकेगी. धनबाद स्थित इंडियन स्कूल ऑफ माइंस (ISM) के रिसर्च के स्टूडेंट्स की यह खोज इस घातक बीमारी के मरीजों के लिए वरदान साबित होगी.

यह खोज मरीजों के साथ-साथ सरकार को भी बहुत बड़ी राहत देगा. इस वेंटिलेटर की सबसे खास बात यह है कि इसके माध्यम से अलग-अलग मरीजों को उनकी जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन की सप्लाई होगी.

सबसे पहले इस वेंटिलेटर का इस्तेमाल धनबाद के पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में होगा. वैज्ञानिक आज-कल में ही यह वेंटिलेटर पीएमसीएच को दे देंगे.  

आइआइटी(आइएसएम) के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अमित राज दीक्षित, आशीष कुमार और रिसर्च स्कॉलर रत्नेश कुमार ने स्वदेशी तकनीक से यह वेंटिलेटर तैयार की है. इन लोगों ने रिवर्स इंजीनियरिंग लैब में दो तरह के 3डी वेंटिलेटर बनाये हैं.

वैज्ञानिकों का कहना है कि इसमें वेंटिलेटर स्प्लिटर एडॉप्टर का इस्तेमाल किया गया है. एक वेंटिलेटर से ही चार मरीजों को ऑक्सीजन की सप्लाई की सुविधा दी जा सकेगी. एक को इंस्पिरेटरी लिंब के साथ और दूसरे को एक्सपिरेटरी लिंब के साथ जोड़कर एक साथ चार वेंटिलेटर सर्किट कनेक्ट किये गये हैं. वेंटिलेटर में अलग-अलग साइज के छिद्र हैं, जो ऑक्सीजन की सप्लाई को कंट्रोल करेंगे.

एक मरीज युवा है और दूसरा बुजुर्ग, तो बुजुर्ग को अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी. अलग-अलग मरीजों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए इसमें ऑक्जीजन फ्लो कंट्रोल वाल्ब की भी व्यवस्था की गयी है. इसमें कई और खूबियां भी हैं.