पुलिस प्रशासन में विधायक ढुल्लू के मददगार, गिरफ़्तारी की रणनीति लीक ?

धनबाद : झारखण्ड में सत्ता भले ही बदल गयी हो मगर क्या धनबाद पुलिस प्रशासन में कुछ ऐसे छुपे रुस्तम है जो यौन उत्पीडन और जमीन विवाद में आरोपित विधायक ढुल्लू महतो के अभी भी मददगार बने हुए है ? यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि कई थानों की पुलिस की गोपनीय रणनीति के बावजूद  विधायक का ऐन मौके पर बच निकलने में कामयाब हो गए. क्या इसकी सूचना जान बुझकर किसी स्तर से लीक कर दी गयी ? इस संदेह को इस कारण बल मिल रहा है कि पुलिस अहले सुबह गिरफ़्तारी के लिए विधायक के चिटाही स्थित आवास पर पंहुची थी मगर वहां विरोध के लिए पहले से कुछ महिलायें झाड़ू लेकर तैयार थीं. इतनी सुबह दुकान भी नहीं खुलती मगर सभी महिलाओं के हाथ में बिलकुल नई झाड़ू थी. विरोध के बीच पुलिस ने आवास के एक एक कमरे की तलाशी ली, मगर ढुलू महतो नहीं मिले.

यह सवाल भी उठ रहा है कि यौन उत्पीडन मामले में पुलिस इतने दिनों तक हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठी थी ? 10 से 18 फरवरी तक इलाके में एक धार्मिक कार्यक्रम था. आरोपी इस दौरान सार्वजनिक रूप से 24 घंटे नजर आ रहे थे. मगर पुलिस ने इस दौरान कोई कार्रवाई नहीं की. कार्यक्रम की पूर्णाहुति के बाद पुलिस हरकत में आई जबकि हाईकोर्ट द्वारा इस गंभीर मामले में अविलम्ब कार्रवाई का निर्देश दिया गया था. बता दे कि महिला ने विधायक ढुल्लू महतो के खिलाफ 22 नवम्बर 2018 को ही ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस द्वारा समुचित कार्रवाई नहीं होने पर उसमे कतरास थाने के समक्ष आत्मदाह का भी प्रयास किया था. इसके बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं होने पर वह  2019 में हाईकोर्ट चली गयी. हाईकोर्ट ने झारखण्ड के डीजीपी और धनबाद के एसएसपी को नोटिस निर्गत करते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया था. इसके बाद पुलिस ने हरकत में आते हुए मामला दर्ज किया था.   


गिरफ़्तारी का विरोध करने वालों पर दर्ज होगा मामला ?

पुलिस प्रशासन के कामकाज में बाधा डालने के आरोप में विधायक पर पहले से ही मुकदमा दर्ज है. सवाल उठ रहा है कि बुधवार को जिस तरह ढुलू महतो के आवास पर पुलिस का विरोध किया गया उसपर पुलिस फिर धारा 353 के तहत मुकदमा दर्ज करेगी ? क्योंकि यह पुलिस प्रशासन के कामकाज में बाधा डालने का स्पस्ट मामला है.