जो रेलवे दर्द दे रहा है, उसी के हाथ में दवा भी हैः राजीव शर्मा

गोमोः गोमो के आज हजारों परिवार के सामने रोजी-रोटी के लाले पड़ गये हैं और भविष्य पर संकट के गहरे बादल छा गए हैं. बच्चों का स्कूल जाना बंद है. आमदनी का जरिया बंद है. इस ठंड के मौसम में कई लोगों को सर छुपाना भी मुहाल है. रेलवे के अतिक्रमण हटाओ अभियान ने गोमो के लोगों के भविष्य पर जो प्रश्नचिह्न लगा दिया है, उसका हल ढूंढने मैं आज पुनः आया हूं. उपर्युक्त बातें झारखंड इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसियोशन के महासचिव ने गोमो में कहीं. श्री शर्मा गोमो के विस्थापितों तथा शहीद सदानंद झा मार्केट तथा जगजीवन मार्केट के व्यवसायियों एवं पूर्व में तोड़ी गई दुकानों के पीड़ित व्यवसायियों से मिलने वहां पहुंचे थे.   

भूमिहीन परिवार आखिर जाए तो जाए कहां 

राजीव शर्मा ने कहा कि हमारे देश की जनसंख्या 137 करोड़ है. इसमें भूमिहीनों की संख्या बहुत बड़ी है. गावों में हर तीसरा परिवार भूमिहीन है. बिहार में तो 65 प्रतिश्रात ग्रामीण भूमिहीन हैं. भूमिहीन एवं रोजगार से वंचित किसी न किसी सरकारी जमीन पर ही अपना आशियाना अथवा स्व-रोजगार का साधन खड़ा कर अपने परिवार की आजीविका चलाते हैं. अब वे जाएं तो जाएं कहां. बड़ी संख्या में महिलाएं स्व-रोजगार जैसे सब्जी बेचने, छोटी-मोटी दुकानों के माध्यम से आजीविका चला रही हैं, आज सड़क पर आ चुकीं हैं अथवा आने वाली हैं.

खाली पड़ी जमीन पर मार्केट काॅम्प्लेक्स बनाकर सरकार स्व-रोजगार का अवसर दे 

देश भीषण मंदी के दौर से गुजर रहा है. केंद्र अथवा राज्य सरकारें इस मंदी से निपटने के उपाय कर रही हैं. भूमिहीनों के पास सिर्फ सरकार की ओर देखने के अलावा कोई चारा नहीं है. इसलिए सरकारों की महती जिम्मेदारी बनती है कि अपनी खाली पड़ी जमीनों पर प्राथमिकता के आधार पर स्व-रोजगार हेतु मार्किट काॅम्प्लेक्स बनवा कर अथवा उनके रहने के लिए अपार्टमेंट्स/घर बनवा कर दे.  

.. . . . . . . इस तरह अपनी और विस्थापितों की समस्या हल कर सकता है रेलवे   

रेलवे अपने संसाधनों का वाणिज्यीकरण कर रहा है. अपनी खाली पड़ी जमीन पर उनके रोजगार की व्यवस्था कर सकता है. इसके लिए दुकानदार भुगतान भी करने को तैयार हैं. वर्षों पूर्व भी राज्य सरकार और रेलवे द्वारा जमीन का आदान प्रदान किया गया था जिसमें स्टेशन रोड की 136 दुकानों के लिए राज्य सरकार ने जमीन ली थी और आज स्टेशन रोड 24 घंटे गुलजार रहता है, धनबाद में रहने वाला कोई भी व्यक्ति 24 घंटे सामान खरीद पाता है. इसी तरह से 660 से अधिक दुकानदारों को बसाया जा सकता है, यदि रेलवे चाहे तो उनसे अग्रिम भुगतान लेकर भी वहां मार्किट काम्प्लेक्स बनवा सकता है, इससे रेलवे को भाड़े के रूप में अतिरिक्त आय भी होगी और यह मानवता का बेहतरीन उदाहरण भी पेश होगा.

अखिल भारतीय गार्ड एसोसिएशन का मिला समर्थन 

राजीव शर्मा ने बताया कि आज अखिल भारतीय गार्ड एसोसिएशन का सम्मेलन चल रहा था, हमने उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष बी आर सिंह से भी मिल कर समर्थन मांगा. उन्होंने आगे बढ़कर इस लड़ाई में पूर्ण समर्थन का वादा किया.

केवल आर्थिक पहलू ही नहीं, मानवीय पक्ष पर भी नज़रें इनायत करें हुजूर  

गोमो के सभी लोगों से इस लड़ाई को मिलकर लड़ने आह्वान करते हुए धनबाद के मंडल रेल प्रबंधक एके मिश्र से श्री शर्मा ने आग्रह किया है कि इस विषय पर मानवीय पहलू को देखते हुए उचित निर्णय करें. धनबाद रेल मंडल पूरे देश में रेलवे का सबसे अधिक आय देने वाला मंडल है 114 मिलियन टन की ढुलाई के साथ देश में कीर्तिमान स्थापित कर चुका है. आर्थिक प्रगति पर ध्यान देने का यह अर्थ नहीं की मानवीय पहलू को विस्मृति के अँधेरे में धकेल दें.