द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर-फिल्म के ट्रेलर पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिका खारिज

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ और उसके ट्रेलर पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली जनहित याचिका बुधवार को खारिज कर दी. याचिका में आरोप लगाया गया था कि इस फिल्म ने प्रधानमंत्री के संवैधानिक पद को बदनाम किया है.

मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को याचिका दायर करने का अधिकार नहीं है और इसमें निजी हित शामिल हैं. याचिकाकर्ता पूजा महाजन ने आरोप लगाया था कि सिनेमेटोग्राफ कानून के प्रावधानों का दुरुपयोग किया जा रहा है. फिल्म निर्माता ने ट्रेलर जारी कर दिया है, जिससे प्रधानमंत्री पद की छवि को नुकसान पहुंचा है तथा इसकी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनामी हो रही है.  

वकील अरुण मैत्री के जरिए महाजन द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि ट्रेलर ने भारतीय दंड संहिता की धारा 416 का उल्लंघन किया है क्योंकि कानून में जीवित चरित्र या जीवित व्यक्ति का प्रतिरूपण करना स्वीकार्य नहीं है.

फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू कि किताब ´द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर´ पर आधारित है. ´द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर´ में मनमोहन सिंह के किरदार में अनुपम खेर और संजय बारू के किरदार में अक्षय खन्ना हैं. फिल्म इसी शुक्रवार (11 जनवरी) को रिलीज होगी.  

वकील मैत्री ने कहा कि फिल्म के निर्माताओं ने कलाकारों द्वारा मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी की जिंदगी, उनके तौर-तरीकों और आवाज को प्रस्तुत करने को लेकर इन तीनों से कोई सहमति नहीं ली.


Web Title : DELHI HIGH COURT HAS REJECTED A PUBLIC INTEREST LITIGATION ON THE ACCIDENTAL PRIME MINISTER

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