बहुत शोर सुनते थे पहलू-ए-दिल में, काटा तो कतरा-ए-खूं निकला: नहीं की थी यूएई ने 700 करोड़ की मदद

नई दिल्ली: केरल बाढ़ को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा यूएई की 700 करोड़ रुपये की मदद ठुकराए जाने पर बुधवार को भी हंगामा जारी रहा. लेकिन इस बीच यूएई के राजदूत ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात ने वित्तीय मदद देने का कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया है. केरल बाढ़ को लेकर 700 करोड़ की मदद ठुकराए जाने पर केंद्र सरकार और केरल सरकार के बीच मतभेद बना हुआ है.

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में राजदूत अहमद अलबाना ने कहा कि केरल में राहत कार्यों की समीक्षा फिलहाल जारी है और इस राशि को अंतिम नहीं माना जा सकता. उन्होंने कहा, ”बाढ़ और बाद के लिए आवश्यक राहत का मूल्यांकन चल रहा है”. वित्तीय मदद के तौर पर किसी खास राशि का एेलान अंतिम नहीं हो सकता, क्योंकि यह अब भी जारी है.

जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके बयान का मतलब यह है कि यूएई ने 700 करोड़ की ”मदद का एेलान” नहीं किया है तो उन्होंने कहा कि हां यह सही है. यह फाइनल नहीं है. इसकी घोषणा नहीं की गई है. इस हफ्ते की शुरुआत में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि अबू धानी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करते हुए बाढ़ प्रभावित केरल को 700 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है.

गौरतलब है कि बुधवार को कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर वह यूएई की 700 करोड़ की मदद ठुकराना चाहता है तो राज्य को 2600 करोड़ रुपये जारी करे. पार्टी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के वक्त पड़ोसी देश मदद की पेशकश करते हैं. उन्होंने कहा कि नेपाल और बांग्लादेश में जब प्राकृतिक आपदाएं आई थीं तो भारत ने उनकी मदद की थी.


Web Title : A LOT OF NOISE WAS HEARD ASPECT A IN THE HEART, THE THORN E KHOO TURNED OUT: THE UAE HAD 700 CRORES OF HELP