भारत में भी चीन ने भेजा था जासूसी गुब्बारा! यहां से कर रहा था निगरानी, हैरान करने वाली रिपोर्ट

चीन के जासूसी गुब्बारा को लेकर एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. दावा किया गया है कि अमेरिका ही नहीं, बल्कि भारत में भी चीन ने अपने जासूसी गुब्बारे को भेजा था. वह भी तब जब भारतीय सेना के तीनों विंग एक साथ मिलिट्री ड्रिल कर रहे थे. अब इसको लेकर कई तरह के दावे भी शुरू हो गए हैं. बता दें कि शनिवार को ही ऐसे ही एक संदिग्ध जासूसी गुब्बारे को अमेरिका ने मार गिराया था. अमेरिका ने फाइटर जेट F-22 की मदद से दक्षिण कैरोलिना के तट पर गुब्बारे को मार गिराया था. इसका एक वीडियो भी सामने आया था.

भारत में जासूसी गुब्बारे को लेकर क्या दावे हो रहे? 

अमेरिका के डिफेंस एक्सपर्ट एचआई सटन के हवाले से कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दिसंबर-2021 से जनवरी 2022 के बीच चीन के जासूसी गुब्बारे ने भारत के सैन्य बेस की जासूसी की थी. इस दौरान चीन के जासूसी गुब्बारे ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर के ऊपर से उड़ान भरी थी. उस दौरान सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीर भी वायरल हुई थी. चिंता की बात ये है कि दिसंबर 2021 के अंतिम हफ्ते में ही भारतीय सेना की तीनों विंग (थल सेना, वायु सेना और नेवी) के जवान अंडमान निकोबार में एक साथ ड्रिल करने के लिए जुटे थे. ट्राई सर्विस कमांड के दौरान ही चीन के इस जासूसी गुब्बारे को अंडमान निकोबार में देखा गया था. हालांकि, उस वक्त भारत सरकार की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था. उस दौरान कुछ स्थानीय वेबसाइट्स में इसको लेकर खबर भी चलाई गई थी. जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं थीं, वो काफी हद तक अमेरिका में मिले चीन के जासूसी गुब्बारे की तरह थे.  

अब तक क्या-क्या हुआ? 

पिछले हफ्ते शुक्रवार को अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन की ओर से खुलासा किया गया था कि चीन का एक जासूसी गुब्बारा कनाडा के बाद अमेरिका के आसमान में उड़ान भर रहा है. इतना ही नहीं शनिवार को भी चीन का एक दूसरा जासूसी गुब्बारा लैटिन अमेरिका के ऊपर दिखा. इसको देखते हुए अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अगले हफ्ते के लिए तय अपनी चीन यात्रा को टाल दिया था. शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के आदेश पर अमेरिकी वायुसेना ने चीन के इस जासूसी गुब्बारे को मार गिराया था. इसके लिए अमेरिकी फाइटर जेट F-22 का इस्तेमाल हुआ. इस फाइटर जेट की मदद से जासूसी गुब्बारे पर AIM-9X SIDEWINDER मिसाइल से हमला किया गया और उसे नष्ट कर दिया गया. अमेरिका तक इस गुब्बारे को भेजने के लिए चीन ने अल्यूटियन आइलैंड, अलास्का, कनाडा का रास्ता अपनाया था.  

क्या है ये जासूसी गुब्बारा? 

भारत और अमेरिका में जिस जासूसी गुब्बारे के होने का दावा किया जा रहा है, उसका इतिहास दूसरे विश्व युद्ध से जुड़ा है. दरअसल, कैप्सूल के आकार के यह बैलून कई वर्ग फीट बड़े होते हैं. यह आमतौर पर जमीन से काफी ऊंचाई पर उड़ने की क्षमता रखते हैं, जिसकी वजह से ज्यादातर इनका इस्तेमाल मौसम से जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए किया जाता रहा है. खासकर किसी एक तय क्षेत्र के मौसम को जानने के लिए. हालांकि, आसमान में जबरदस्त ऊंचाई पर उड़ने की अपनी इन्हीं क्षमताओं की वजह से इनका इस्तेमाल जासूसी के लिए भी किया जाने लगा.  

यह गुब्बारे जमीन से 24 हजार से 37 हजार फीट की ऊंचाई पर आसानी से उड़ सकते हैं, जबकि चीन का यह गुब्बारा अमेरिका के ऊपर 60 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था. इसके चलते जमीन से इनकी निगरानी कर पाना काफी मुश्किल है. इनके उड़ने की यह रेंज कमर्शियल विमानों से काफी ज्यादा है. अधिकतर वाणिज्यिक एयरक्राफ्ट्स 40 हजार फीट की ऊंचाई तक नहीं जाते. इतनी रेंज पर उड़ान भरने की क्षमता फाइटर जेट्स की ही होती है, जो कि 65 हजार फीट तक जा सकते हैं. हालांकि, यू-2 जैसे कुछ और जासूसी विमान 80 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकते हैं.  

 सैटेलाइट से ज्यादा बेहतर जासूसी यंत्र हैं ऐसे गुब्बारे

अमेरिकी वायुसेना के एयर कमांड और स्टाफ कॉलेज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह जासूसी गुब्बारे कई बार सैटेलाइट्स से भी ज्यादा बेहतर खुफिया यंत्र साबित होते हैं. दरअसल, यह सैटेलाइट के मुकाबले ज्यादा आसानी से और समय लेकर किसी क्षेत्र को स्कैन कर सकते हैं. इनके जरिए इन्हें भेजने वाले देश दुश्मन के खिलाफ ऐसी संवेदनशील खुफिया जानकारी जुटा सकते हैं, जो कि सैटेलाइट की दूरी की वजह से स्कैन करना मुश्किल है. इतना ही नहीं सैटेलाइट्स के जरिए किसी एक क्षेत्र पर नजर रखना काफी महंगा भी साबित हो सकता है, क्योंकि इसके लिए काफी कीमत वाले स्पेस लॉन्चर्स की जरूरत होती है. दूसरी तरफ जासूसी गुब्बारे सैटेलाइट से काफी कीमत में यही काम कर सकते हैं.  

Web Title : CHINA ALSO SENT SPY BALLOONS TO INDIA! MONITORING WAS DONE FROM HERE, SURPRISING REPORT

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