किसानों के ´दिल्ली चलो´ कूच को लेकर एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें दावा किया जा रहा है कि ´खालिस्तानियों´ ने हरियाणा के पुलिसकर्मी के ऊपर ट्रैक्टर चढ़ा दिया. वीडियो में यह देखा जा सकता है कि ट्रैक्टर एक व्यक्ति के ऊपर से गुजर रहा है. मौके पर एक अन्य पुलिसकर्मी भी नजर आ रहा है जो जमीन पर बैठा हुआ है और घायल मालूम पड़ता है. दूसरा व्यक्ति ट्रैक्टर के पहियों में बीच फंसा दिखता है.
वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया, ´खालिस्तानी आतंकियों ने हरियाणा के पुलिसकर्मी पर हमला किया. ट्रैक्टर उसके ऊपर चढ़ाने के बाद उसे 50 मीटर तक घसीटते रहे. वीडियो से यह साफ पता चलता है कि किस तरह से हत्या की साजिश रची जा रही है. ´ सवाल है कि क्या यह वीडियो सही है या वीडियो क्लिप से कुछ छेड़छाड़ हुई है? क्या वीडियो इसी किसान आंदोलन का है? फैक्ट चेक में हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं.
क्या वीडियो से की गई छेड़छाड़?फैक्ट चेक में यह पता चला है कि वायरल वीडियो के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं हुई है, मगर यह पुराना जरूर है. रिपोर्ट के मुताबिक, वायरल वीडियो क्लिप अगस्त, 2023 का है. यह दिल्ली-एनसीआर के बॉर्डर पर जारी ताजा किसान आंदोलन का नहीं है. साथ ही यह दावा भी झूठा है कि ट्रैक्टर से हरियाणा के पुलिसकर्मी को दाबा गया था. सच्चाई यह है कि पिछले साल प्रदर्शन के दौरान पंजाब के संगरूर में ट्रैक्टर-ट्रॉली से दबकर एक किसान की मौत हुई थी.
फैक्ट चेक में सामने आया सच इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, रिवर्स इमेज सर्च के जरिए सच का पता चला. मीडिया में इसे लेकर 21 अगस्त, 2013 को रिपोर्ट छपी थी. जांच के दौरान वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट मिला. रिपोर्ट के मुताबिक, संगरूर के लोंगोवाल गांव में विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहे किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी. इस दौरान किसानों ने सड़क और टोल प्लाजा को अवरुद्ध करने की कोशिश की. झड़प में प्रीतम सिंह नाम के एक बूढ़े किसान की मौत हो गई, जो उपद्रव के वक्त ट्रैक्टर-ट्रॉली के नीचे आ गया था. इस मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुआ था.