दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेशी की तारीख से ठीक पहले ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटा दिया है. कथित शराब घोटाले में ईडी के समन को दरकिनार किए जाने की वजह से केजरीवाल के खिलाफ जांच एजेंसी ने शिकायत की थी. केजरीवाल को 16 मार्च को पेश होने को कहा गया था. अब उन्होंने अदालत के समन के खिलाफ सेशंस कोर्ट में याचिका दायर की है. राउज ऐवेन्यू कोर्ट में स्पेशल जज राकेश स्याल के सामने मामले को सूचीबद्ध किया गया है.
ईडी ने समन को नजरअंदाज किए जाने की वजह से 3 फरवरी और 6 मार्च को मजिस्ट्रेट कोर्ट में शिकायत की थी. केंद्रीय जांच एजेंसी ने केजरीवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 174 के तहत केस चलाने की मांग की है. लोकसेवक के आदेश पर हाजिर नहीं होने पर इस धारा के तहत केस चलाया जाता है. इसमें दोषी करार दिए जाने वाले व्यक्ति को एक महीने तक जेल और 500 रुपए जुर्माने की सजा हो सकती है. दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के लिए बुलाते हुए ईडी ने केजरीवाल को अब तक कुल 8 समन भेजे हैं.
केजरीवाल को 4 मार्च, 26 फरवरी, 19 फरवरी, 2 फरवरी, 18 जनवरी, 3 जनवरी, पिछले साल 22 दिसंबर और 2 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. अडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) दिव्या मल्होत्रा ने ईडी की पहली शिकायत पर केजरीवाल को 17 फरवरी को बुलाया था. दिल्ली के मुख्यमंत्री उस दिन वर्चुअल माध्यम से कोर्ट के सामने हाजिर हुए और बजट सत्र में व्यस्तता का हवाला देकर छूट की गुजारिश की. उन्होंने कोर्ट से अगली तारीख की मांग करते हुए कहा था कि वह खुद हाजिर होंगे. अदालत ने उनकी अपील को स्वीकार करते हुए 16 मार्च को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को कहा था.
इसके बाद ईडी ने अंतिम तीन समन को लेकर भी केजरीवाल के खिलाफ कोर्ट में शिकायत दायर की. मल्होत्रा ने इसका संज्ञान लेकर केजरीवाल को कोर्ट में 16 मार्च को खुद पेश होने को कहा. ईडी ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्हें (केजरीवाल) को यह जानने का कोई लीगल हक नहीं है कि उन्हें गवाह के तौर पर बुलाया जा रहा है या फिर आरोपी के रूप में. जांच एजेंसी ने उन पर जानबूझकर समन को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. एजेंसी ने कहा था कि केजरीवाल को उनकी और कुछ अन्य लोगों की भूमिका के बारे में पूछताछ के लिए बुलाया गया है.