होलिकादहन से शुरू हो जाएगा रंगो का पर्व होली

बालाघाट. भारतवर्ष त्यौहारों का देश है. हर एक त्यौहार का अपना एक सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं सामाजिक महत्व होता है. इन सारे त्यौहारों में होली ही एक त्यौहार है जो पौराणिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक के साथ-साथ आमोद-प्रमोद के लिये मनाया जाने वाला खुशियों का त्यौहार है. बुराई पर अच्छाई की विजय का, असत्य पर सत्य और शत्रुता पर मित्रता की स्थापना का यह पर्व विलक्षण एवं अद्भुत है. पुराने गिले-शिकवे भुला कर एक दूसरे के रंग में रंग जाने, हर्ष और उल्लास से एक दूसरे से मिलने और एक दूजे को आपसी सौहार्द एवं खुशियों के रंग लगाने के अनूठे दृश्य इस त्यौहार में मन को ही नहीं माहौल को भी खुशनुमा बनाते हैं. रंगों से ही नहीं, नृत्य गान, ढोलक-मंजीरा एवं अन्य संगीत वादक यंत्रों को बजा कर मनोरंजन करते हैं. पौराणिक मान्यताओं की रोशनी में होली के त्यौहार का विराट समायोजन बदलते परिवेश में विविधताओं का संगम बन गया है. इस अवसर पर रंग, गुलाल डालकर अपने इष्ट मित्रों, प्रियजनों को रंगीन माहौल से सराबोर करने की परंपरा है, जो वर्षों से चली आ रही है. एक तरह से देखा जाए तो यह अवसर प्रसन्नता को मिल-बांटने का होता है.  

धार्मिक परंपराओं के अनुसार 24 मार्च को होलिकादहन से पांच दिवसीय पर्व की शुरूआत हो गई. निर्धारित समयावधि पर मुहुर्त पर होलिका दहन किया गया. जिसके दूसरे दिन 25 मार्च बुधवार को धुरेड़ी का पर्व मनाया गया. आपसी मतभेद भुलाकर प्रेम और भाईचारें के साथ लोगांे ने एकदूसरे को रंग, गुलाल लगाकर होली की बधाई देंगे.  मुख्यालय सहित पूरे जिले में होली का पर्व उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाएगा. नगर के सभी वार्डो और प्रमुख स्थलों में पूरे परंपरानुसार होलिका दहन विधिविधान से परंपरानुसार किया जाएगा.  वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला पर्व होली का त्यौहार होलिका दहन के दिन से प्रारंभ होकर होली की पंचमी तक जारी रहेगा. हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाये जाने वाले इस पर्व का आनंद पूरे जिले में आपसी प्रेमभाव और भाईचारे के साथ मनाया गया और एकदूसरे को रंग गुलाल लगाकर होली की बधाई दी जाएगी.  


Web Title : HOLI, THE FESTIVAL OF COLOURS, WILL BEGIN WITH HOLIKADAHAN