बालाघाट. शासकीय सेवा में कार्य करते हुए एक समय ऐसा भी आता है, जब विभागीय नियमानुसार एक आयु में अधिकारी और कर्मचारी को सेवानिवृत्त होना पड़ता है. हालांकि यह दौर गम और खुशी दोनो का होता है. गम इस बात का कि वह अपने कामकाज के स्थल को छोड़ता है और खुशी इस बात की कि उसे अब अपने कार्य से राहत मिली है. सेवानिवृत्ति का हर पाल यादगार होता है.
जनपद पंचायत बालाघाट परिवार ने अपने साथ काम करने वाले खंड पंचायत अधिकारी शेख फारूख रिजवान और चरमवाही ग्राम पंचायत सचिव मुरलीलाल मर्सकोले को उनकी सेवानिवृत्ति पर भावभीनी विदाई दी गई.
जनपद पंचायत सभाहाल में आयोजित विदाई समारोह में प्रमुख रूप से जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी गायत्री कुमार सारथी सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित थे.
जहां बारी-बारी से वक्ताओं ने खंड पंचायत अधिकारी शेख फारूख रिजवान और सचिव मुरलीलाल मर्सकोले के कार्यो के बारे में अपने विचार व्यक्त किये. जनपद पंचायत सीईओ गायत्री कुमार सारथी ने बताया कि दोनो ही कर्मचारी, मिलनसार और मृदुभाषी थे, जिन्होंने अपने दायित्वों और कर्तव्यों को निभाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी. आज वह जनपद परिवार से सेवानिवृत्त होकर जरूर अपने कार्यो से मुक्त हो रहे है लेकिन उनके कार्य हमेशा याद रहेंगे. जनपद पंचायत परिवार दोनो ही साथी कर्मचारियों के सुखद और दीर्घायु जीवन, स्वास्थ्य शरीर एवं स्वास्थ्य जीवन की कामना करता है.
खंड पंचायत अधिकारी के दायित्वों से सेवानिवृत्त हुए शेख फारूख रिजवान ने बताया कि वह लगभग 35 सालो से ज्यादा समय तक जनपद पंचायत में रहे. इस दौरान उन्हें खट्टे-मिट्ठे अनुभव रहे, उनके कार्यो को उनके साथी कर्मचारी बतायेंग लेकिन मैं जनपद परिवार के स्वस्थ्य जीवन और स्वास्थ्य शरीर की दुआ करता हुॅं.