मतदान की गोपनियता भंग मामले में सुरक्षाकर्मियों पर क्या होगी कार्यवाही?,पीठासीन अधिकारी पर कार्यवाही तो सुरक्षाकर्मियों पर मेहरबानी क्यो?

बालाघाट. लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में बालाघाट-सिवनी संसदीय क्षेत्र के चुनाव में मतदान की गोपनियता भंग का मामला काफी चर्चित रहा. हालांकि यह मामला संज्ञान में आने के बाद प्रशासनिक और पुलिस के तरफ से मामले को गंभीरता से लेते हुए इसमंे कार्यवाही भी की गई, लेकिन मतदान की गोपनियता भंग मामले में मतदाताओं के मतदान के प्रवेश के दौरान उनके पास मोबाईल तो नहीं है, इसकी जांच करने वाले सुरक्षाकर्मियों पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं होने से, की गई कार्यवाही पर सवाल खड़े रहे है.

कहा जा रहा है कि जब पीठासीन अधिकारी पर कार्यवाही की गई तो सुरक्षाकर्मियों पर मेहरबानी क्यो? चूंकि मतदान के मतदान कक्ष में प्रवेश के दौरान, मतदाता की जांच की जिम्मेदारी सुरक्षाकर्मियों पर थी. यदि वह मतदान कक्ष के बाहर ही, मतदाता को मोबाईल ले जाते पकड़ लेते तो ना ही मतदान की गोपनियता भंग होती और ना ही मतदान का वीडियो बन पाता. सुरक्षा में हुई लापरवाही के कारण ही मतदाता, मोबाईल मतदान कक्ष तक लेकर गए और बकायदा, मोबाईल से मतदान का वीडियो और फोटो लिया. जिसे मतदाताओ ने बाद में वायरल कर दिया. इस मामले मंे अब तक वीडियो वायरल करने वाले मतदाताओं और पीठासीन अधिकारी पर ही कार्यवाही हो सकी है, जबकि मतदान कक्ष के सुरक्षाकर्मियों पर कोई कार्यवाही नही हुई है. जिससे यह सवाल खड़े हो रहा है कि मतदान की गोपनियता भंग मामले में सुरक्षाकर्मियों पर क्या कार्यवाही होगी?

गौरतलब हो कि लोकसभा निर्वाचन में 19 अप्रैल को हुए मतदान के दौरान मतदान केंद्र क्रमांक 165, 195 और 242 में मोबाईल प्रतिबंध के बावजूद मतदाताओं द्वारा मोबाइल लेकर मतदान कक्ष में प्रवेश करने के मामले को पीठासीन अधिकारियों की लापरवाही मानते हुए गत दिनों जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने मतदान केंद्र क्रमांक-165 गर्रा के पीठासीन अधिकारी बलिराम वाकड़े, मतदान केंद्र क्रमांक-195 की पीठासीन अधिकारी श्रीमती रचना पटले और मतदान केंद्र क्रमांक-242 के पीठासीन अधिकारी अमित डाहटे को मतदान केंद्र में मप्र सिविल सेवा नियम-1996 के नियम-9 के उपनियम (1)(क) तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-134 के अंर्तगत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. वहीं मतदान के बाद मतदान करते हुए मोबाईल में वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में शेयर करने वाले कोतवाली क्षेत्र के 03 और कटंगी थाना क्षेत्र के एक मतदाता पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और लोक प्रतिनिधितव अधिनियम 1950, 1951 और 1989 की धारा 128 के तहत अपराध दर्ज किया था. जिसमें कटंगी पुलिस ने जाम निवासी शुभम पिता लोकेन्द्र पटले और कोतवाली पुलिस ने कांग्रेसी कुम्हारी मोहल्ला निवासी 20 वर्षीय शहबाज पिता जहीरूद्धीन अहमद और गर्रा निवासी राईस मिलर्स एशोसिएशन अध्यक्ष 38 वर्षीय मोनु उर्फ जितेन्द्र पिता स्व. युवराज भगत को गिरफ्तार किया था. जबकि तीसरे मामले में वीडियो वायरल करने वाले की पहचान नहीं हो सकी है. जिसके लिए लगातार पुलिस प्रयासरत है.  


Web Title : WHAT ACTION WILL BE TAKEN AGAINST THE SECURITY PERSONNEL IN CASE OF BREACH OF SECRECY OF VOTING? IF ACTION IS TAKEN AGAINST THE PRESIDING OFFICER THEN WHY KINDNESS TO THE SECURITY PERSONNEL?