विश्व दृष्टि दिवस: अंधेपन से बचाव एवं अच्छी दृष्टि के लिए आंखों की देखभाल करने दिया जायेगा संदेश

बालाघाट. नेत्र रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए प्रतिवर्ष अक्टूबर माह के दूसरे गुरूवार को विश्व दृष्टि दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष 08 अक्टूबर को यह दिवस मनाया जायेगा. स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर आम जनता को नेत्र रोगों से बचाव के उपाय एवं महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है.  

मुख्य चिकित्सा एवं स्वासथ्य अधिकारी डॉ. मनोज पांडेय ने बताया कि देखने का अधिकार मानव के मूल अधिकारों में से एक है. अतः यह आवश्यक है कि कोई भी व्यक्ति अनावश्यक दृष्टिहीन ना होने पाए और है तो दृष्टिहीन न रहने पाए. दुनिया में अंधेपन का सबसे प्रमुख कारण मोतियाबिंद है. मरीज को धुंधला दिखाई देने के अलावा और कोई तकलीफ नहीं होती है, जिसका समय पर इलाज करा लिया जावे तो 100 प्रतिशत नजर वापस आ जाती है इसके विपरीत कांच बिंदु जिसे काला मोतिया भी कहते हैं जिसमें आंख के अंदर का दबाव बढ़ने से पर्दे की नस पर दबाव पड़ता है, जो नजर एक बार चली जाती है और वह वापस नहीं आती इसका भी समय पर इलाज करा लिया जाये तो बची हुई नजर को बचाया जा सकता है.

इसी तरह आंख के पर्दे में होने वाली बीमारी डायबिटिक रेटिनोथेपी है, जो शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाने से पर्दे की नस सख्त होने के कारण होती है. इस बीमारी से एक बार रोशनी खत्म हो जाने पर लाख कोशिश के बाद भी रोशनी वापस नहीं आती है. कार्नियल अंधेपन के बचाव एवं अच्छी दृष्टि के लिए उनकी देखभाल बहुत जरूरी है. यह पाया गया है कि छोटे बच्चे अक्सर कर्नियल नेत्र हीनता के शिकार होते हैं. कर्नियल नेत्रहीनता का उपचार केवल किसी व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद उसकी आंख के कार्नियल को खराब कार्नियल बाली मरीज की आंख में लगा देने से उसकी आंख की रोशनी वापस लाई जा सकती है और उसका अंधापन दूर किया जा सकता है, इसे नेत्र प्रत्यारोपण भी कहते हैं. नेत्रदान सिर्फ मरने के बाद ही किया जाता है.

नेत्र रोगों के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों को विटामिन ए का गोल पिलाना अति आवश्यक है. सभी बच्चों का पूर्ण टीकाकरण कराया जाना आवश्यक है. आंखों को चोट लगने से बचाए बच्चों को नुकीली वस्तु से ना खेलने दे. आंख में संक्रमण होने पर इसका जल उपचार नेत्र चिकित्सक से करवायें. यदि आंखों में कुछ पड़ जाए तो आपको मले नहीं, केवल साफ पानी से धोएं, फायदा ना होने पर नेत्र चिकित्सक से जांच करवायें. त्यौहारों पर जैसे होली में रंगों को आंखों में ना डालें, दीपावली पर नजदीक से पटाखे ना जलाएं और ऐसे कार्यों को प्रोत्साहित ना करें. खेलों में धनुष बाण, गिल्ली डंडा जैसे खेलों में विशेष सावधानी बरती जाये. मोटरसाइकिल आदि चलाते समय सुरक्षा चश्मे का उपयोग जरूर करें. खाने में विटामिन युक्त भोजन हरी-सब्जी, गाजर, पपीता और दूध, दाले, मांस, मछली, अंडे आदि का उपयोग करना लाभदायक है. इस तरह से सावधानी बरतने एवं आंखों में होने वाली बीमारी का समय पर इलाज करा लिया जावे तो अंधेपन से बचा जा सकता है. इसी उद्देश्य को लेकर प्रतिवर्ष अक्टूबर माह के दूसरे गुरुवार को विश्व दृष्टि दिवस मनाया जाता है.


Web Title : WORLD VISION DAY: THE MESSAGE WILL BE GIVEN TO PROTECT THE EYES FROM BLINDNESS AND TAKE CARE OF THE EYES FOR GOOD VISION