मलमास मेला में हर दिन श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है. खासकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, राजस्थान सहित अन्य कुछ प्रांत के भक्त जो इसे पुरूषोत्तम मास मानते हैं, उनकी भीड़ बढ़ रही है. मलमास मेले में भी भक्तों को अरघा के माध्यम से ही बाबा वैद्यनाथ पर जलार्पण का अवसर मिल रहा है. वर्तमान समय में स्पर्श पूजा बंद रहने के कारण सभी बाबा वैद्यनाथ मंदिर मंझला खंड में गर्भगृह के बाहर व निकास द्वार के बाहर लगाए गए बाह्य अरघा के माध्यम से बाबा वैद्यनाथ पर जलार्पण कर मंगलकामना कर रहे हैं. वहीं श्रद्धालुओं की ओर से अरघा के माध्यम से ही बाबा वैद्यनाथ पर रोट व नारियल प्रसाद के रूप में अर्पित किया जा रहा है. स्थानीय तीर्थ पुरोहितों की ओर से लगातार मलमास में अरघा हटाए जाने की मांग के बावजूद प्रशासन की ओर से इस बाबत कोई नया निर्णय नहीं लिया जा रहा है. ऐसे में सभी भक्तों को फुट ओवर ब्रिज के माध्यम से कतारबद्ध कराते हुए बाबा मंदिर मंझला खंड तक भेजा जा रहा है. वहीं भीड़ या लंबी कतार से बचने के लिए श्रद्धालु बाह्य अरघा में भी सुगम जलार्पण कर बाबा वैद्यनाथ से मंगलकामना कर रहे हैं. इस वर्ष मलमास मेले में दक्षिण भारत के श्रद्धालुओं की भीड़ भी अपेक्षाकृत अधिक देखी जा रही है. इसके अलावा बांग्ला श्रावण के कारण खासकर बंगाल, असम, ओड़िशा सहित सीमावर्ती राष्ट्र नेपाल के श्रद्धालु भी बाबा वैद्यनाथ मंदिर में कांवर लेकर पहुंच रहे हैं. कांवरिया पथ में श्रावणी मेले के समान नहीं लेकिन कुछ कम भीड़ ही सही कांवर लेकर श्रद्धालु बाबा दरबार पहुंच रहे हैं.