BCCL क्षेत्र में ओवर बर्डन से बने कृत्रिम पहाड़ों की समतलीकरण करके विस्थापितों को पूर्णवासित करने की मांग के साथ बीजेपी नेता अभिषेक सिंह ने PMO को सौंपा पत्र

झरिया:- कोयला उत्खनन के साथ लगातार कोलियरी क्षेत्रो में ओबी डम्प से बन रहे कृत्रिम पहाड़ों की समतलीकरण करके उन स्थानों पर जरेड़ा के तहत बीसीसीएल के अग्नि प्रभावित इलाकों में बसे लोगो को पूर्णवासित किया जाय इस सुझाव को प्रधानमंत्री कार्यालय मे पत्र देकर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष उठाने का प्रयास भारतीय जनता युवा मोर्चा के युवा नेता सह प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अभिषेक सिंह ने  किया है. अभिषेक सिंह ने पत्र में उल्लेख किया है कि धनबाद के बीसीसीएल क्षेत्र में दर्जनो ओपेन कास्ट कोल परियोजना के द्वारा कोयला उत्खनन करने बाद निकाले गए ओवर वर्डेन को पहाड़ बना कर कर छोड़ दिया गया है. पुनर्वास एंव विस्थापन नीति के सफल होने में यह बहुत बड़ी बाधक बन चुकी है. यदि इस ओवर वर्डेन नुमा दर्जनो पहाड़ो को समतलीकरण कर ठोस नई जमीन तैयार कर दी जाए तो उक्त जमीन पर स्थानीय विस्थापित लोगों को जरेडा के तहत पुनर्वासित किए जाने का प्रयास किया जा सकता है. इस पहल के साथ लोगों को अपने बसे- बसाए घर को छोडने का दर्द भी नही होगा और राष्ट्र हित में देश के विधुत परियोजना को उसकी मांग के अनुरूप कोयले की उपलब्धता हेतु कोल कंपनिया कोयला खनन कर पायेंगी. देश के विकास में सुदृढ़ व्यवस्था के लिए विधुत उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए केंद्र एंव राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है. जिसको लेकर विधुत उत्पादन के मुख्य कारक कोयला जो ज्यादा से ज्यादा मात्रा में विधुत परियोजना को मिले इसको लेकर कोल इंडिया द्वारा अपने सभी इकाईयों को विशेष दिशा निर्देश जारी किए गए है. बड़ी संख्या में ओपेन कास्ट परियोजना के द्वारा कोयला उत्खनन हेतु योजनाएं क्रियांन्वित हुई, जिसको लेकर कोल इंडिया कि मिनी रत्न ईकाई बीसीसीएल ने भी अपनी पूरी क्षमता के साथ निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश की लेकिन अथक प्रयासों के बाद भी कोयला उत्पादन लक्ष्य को नही भेद पाने की कशक उच्च प्रबंधन को सालता रहा, जिसका सबसे बड़ा कारण जो सामने निकल कर आया वो है कोयला उत्खनन के लिए परियोजनाओ का विस्तारीकरण का बाधित होना एंव नई ओपेन कास्ट कोल परियोजना के लिए उपलब्ध जमीन पर दशको से बसे लोगो का सही तरीके से पुनर्वास एंव विस्थापन नीति का लागू नहीं होना है.