कमजोर आंखों वाले चालक सड़क पर हांक रहे गाड़ी

धनबाद : हमारे आसपास कॉमर्शियल वाहन चलानेवाले चालकों की आंखों की रोशनी ठीक हो, यह जरूरी नहीं है. सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत की गई आंखों की जांच में चौंकाने वाला मामला सामने आया है. बस स्टैंड में कैंप लगा कर 94 वाहन चालकों की आंखों की जांच की गई. इसमें 60 चालकों की आंखों में समस्या पायी है. कमजोर दृष्टि वाले चालकों को चश्मा उपलब्ध कराया गया है. वहीं मोतियाबिंद के मरीजों को ऑपरेशन के लिए रेफर कर दिया गया है.

बता दें कि सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत 11 जनवरी से सुरक्षित यातायात के लिए कई प्रकार का जागरुकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसमें कॉमर्शियल वाहन चालकों की आंखों की जांच भी की गई. बरटांड़ बस स्टैंड में इसके लिए जिला परिवहन कार्यालय, स्वास्थ्य विभाग, एएसजी हॉस्पिटल और बस ओनर्स एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से शनिवार और रविवार को नेत्र जांच कैंप लगाया गया था. इस कैंप में वहां अपनी गाड़ी लेकर आने वाले 94 चालक और सह चालक की जांच की गई. पहले दिन 49 चालकों और सह चालकों की जांच हुई. इसमें 35 की आंखों में समस्या पायी गई. पहले दिन मोतियाबिंद का एक मरीज मिला. दूसरे दिन के कैंप में 45 लोगों की जांच हुई. इसमें 25 की आंखों में समस्या पायी गयी. इस दिन मोतियाबिंद के चार मरीज मिले. इस दो दिनों की जांच में अधिकांश को नजदीक की चीजों को देखने में परेशानी हो रही थी. कुछ को दूर की चीजें स्पष्ट नहीं दिख रही थीं. कुछ ऐसे चालक भी थे, जिन्होंने पहले से चश्मा लगा रखा था. बावजूद उन्हें देखने में परेशानी हो रही थी. लोगों को चश्मा भी दिया गया है. मोतियाबिंद के शिकार सभी पांच लोगों को ऑपरेशन के लिए रेफर किया गया है.

चालकों को आंख खराब होने की जानकारी नहीं

जांच के क्रम में पाया गया दृष्टि दोष झेल रहे चालकों को इसकी जानकारी ही नहीं है. अधिकांश को यह पता ही नहीं था कि उन्हें कम दिखायी देता है. कैंप देखकर जांच कराने चले गए. तब उन्हें पता चला कि उन्हें चीजें सामान्य से कम दिखती है.

नियमित जांच कराना जरूरी

नेत्र रोग विशेषज्ञों की मानें तो लोगों को नियमित रूप से अपनी आंखों की जांच करानी चाहिए. प्रारंभिक अवस्था में समस्याओं का पता चलने पर उसका निदान संभव है. आमतौर पर लोग इसे महत्व नहीं देते. जब उन्हें काफी अधिक परेशानी होती है, तब वे डॉक्टर के पास जाते हैं और आंखों की जांच कराते हैं.

नेत्र जांच के लिए लोगों को जागरूक होना होगा. खासकर वाहन चलाने वाले लोगों को. कैंप लगा कर चालकों को जागरूक करने का प्रयास किया गया है.

राजेश सिंह, डीटीओ धनबाद