सहराज गांव का कुर्ती बार टोला बुनियादी सुविधाओं से आज भी है वंचित

निरसा(रिपोर्ट-बी के सिंह) :- निरसा प्रखण्ड के सीमावर्ती क्षेत्र गोविंदपुर  स्थित सहराज पंचायत के पहाड़पुर ग्राम के कुर्ती बार टोला  सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधाओं से आज भी बंचित है. इस टोला में रहने वाले लगभग 700 की आबादी है. इस टोला में रहने वाले लोग आज भी बुनियादी जरूरतों से दूर नारकीय तथा सरकारी सुविधाओं से  वंचित हैं. इस टोला में ग्रामीण नारकीय जीवन जीने को मजबूर है. आवागमन के लिए सही रूप से सड़कें नही है, कच्ची सड़कों पर आनाजाना होता. इस गांव में न पीसीसी सड़क है और ना ही पूरे टोले में समुचित शौचालय की व्यवस्था है इतना ही नहीं पेयजल की घोर किल्लत है. कोसों दूर से पेयजल लेन की मजबूरी है. ग्रामीणों ने बताया कि गर्मी के दिनों में पेयजल की भारी किल्लत होती है बहुत ही दूरी से उन्हें पेयजल की व्यवस्था करनी पड़ती है ऐसे में इन ग्रामीणों के साथ सरकारी योजनाओं को लेकर भी जनप्रतिनिधियों द्वारा अबतक सिर्फ छलने का काम किया गया है. ग्रामीणों ने बताया कि सरकार द्वारा उन्हें बकरी शेड मुर्गी फार्म खोलने के लिए सरकार की तरफ से योजनाओं के तहत उन्हें लाभुक बनाकर लाभ दिया जाना था जिसे बीच के ही कुछ जनप्रतिनिधियों ने लाभ उन तक पहुंचने नहीं दिया. विशेष तौर पर वार्ड नंबर 10 के सदस्य राजीव कुमार पर ग्रामीणों ने आरोप लगाया की सरकारी राशि का भुगतान उनके द्वारा लाभुकों को नहीं किया जा रहा है जिससे सभी लाभों को वार्ड सदस्य के प्रति काफी आक्रोशित है. मौके पर सभी ग्रामीणों ने कहा कि उनकी प्राकलित  राशि में से कुछ हिस्सा ही उन्हें भुगतान किया गया है जिससे उन्होंने कार्य की शुरुआत मात्र ही की है और शेष राशि के अभाव में उनका निर्माण कार्य बंद पड़ा है. गांव की एक  लाभुक महिला मंजू देवी ने बताया कि वर्ष दो हजार सत्रह अट्ठारह में ही उनका प्रधानमंत्री आवास के तहत आवास बनने के लिए उनका चयन हुआ था पर जनप्रतिनिधियों की बेरुखी से आज तक उनका आवास नहीं बन पाया. वही 10 नंबर वार्ड की सदस्य राजीव कुमार ने बताया कि कार्य के अनुसार राशि का भुगतान किया जा रहा है कार्य पूरा होने के बाद ही पूरी राशि आवंटित की जाएगी जिससे लाभुकों और वार्ड सदस्य के बीच रोष है गांव के दर्जनों लाभुकों को ऐसे सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है पर राशि के अभाव में अभी तक किसी भी लाभुक का शेड का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है. ग्रामीणों ने कहा कि सामूहिक हस्ताक्षर युक्त एक जनहित आवेदन पूर्व में जिला उपायुक्त को भी सौंपी गई है जिसमें उन्होंने गांव की सारी समस्याओं और अनियमितताओं की बारे में उपायुक्त महोदय को जानकारी दी गई है, बावजूद स्थिति यथावत बनी हुई है.