अक्षय तृतीया हो रहा बाल विवाह को महिला एवं बाल विकासा विभाग ने रूकवाया

बालाघाट. महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमति मनीषा लूंबा के मार्गदर्शन में जिले में लगातार बाल विवाह ना करने की अपील एवं मुहिम जारी है, आज विभाग कि सक्रियता से एक नाबालिग बालक एवं बालिका को इस बाल विवाह कि कुप्रथा से बचाया गया.  

तह. लांजी की रहने वाली 18 वर्षीय रीना (परिवर्तित नाम) उनका विवाह 16 वर्षीय बालक नाम राजेन्द्र(परिवर्तित नाम) निवासी बैहर से अक्षय तृतीया के अवसर पर तय किया गया था. विवाह की जानकारी मिलने पर महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग एवं चाइल्ड लाइन और आवाज संस्था के सहयोग से त्वरित कार्यवाही कर बाल विवाह रुकवाया गया. चूंकि लड़की की उम्र 18 वर्ष है एवं लड़का नाबालिग होने से बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत समझाईश दी गई, एवं थाना बैहर लाया गया, जहां दोनों पक्षों को समझाया गया कि बाल विवाह एक दंडनीय अपराध है. जिसमे सजा का प्रावधान है, एवं कम उम्र में विवाह करने के दुष्परिणामों के बारें में बतलाया गया. दोनों पक्षों द्वारा बालिग होने पर विवाह करने को तैयार हुए, तत्पश्चात रीना को वन स्टॉप सेंटर (सखी केंद्र) लाया गया. जहां आश्रय सहायता देकर मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता डॉ. दीपा परते द्वारा रीना का परामर्श कर योग्यता का मापन किया गया. जहां रीना द्वारा बताया गया कि 14 वर्ष कि उम्र में रीना कि माँ जो कि मानसिक मंदबुद्धि की शिकार थी, बिना बताये कही चली गई. जिससे रीना के मानसिक स्तर पे बहुत प्रभाव पड़ा, माँ के जाने के बाद पिताजी के द्वारा अत्यधिक शराब पीना शुरू कर दिया एवं गाली गलौच, अपशब्दों का प्रयोग कर घर का माहौल दिन पे दिन बिगड़ता चला गया, कोई भाई, बहन एवं माँ ना होने पर एवं शराबी पिता से परेशान होकर रीना घर छोड़कर मुंबई एवं कर्नाटक जा कर कपास फैक्ट्री में कार्य कर एवं ट्रेन में गाना गाकर अपनी दैनिक आवश्यकताओं कि पूर्ति करती रही. इतनी परेशानियों का सामना करने के पश्चात रीना अपने गाँव वापस आई, जहां रीना का बाल विवाह तय किया जा रहा था. जिसे संयुक्त टीम महिला एवं बाल विकास से सेक्टर पर्यवेक्षक श्रीमती श्यामा बिसेन, पुलिस विभाग से सुश्री फुलकली तिलगाम, आवाज संस्था से शिवगिरी गोस्वामी, चाइल्ड लाइन से विजय गजभिये द्वारा सूचना मिलते ही रुकवाया गया, एवं रीना को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आगे कि पढ़ाई पूरी करने एवं रीना की शैक्षणिक रुचि एवं व्यवसायिक रुचि का मापन किया गया. जिसमें शैक्षणिक रुचि में कृषि एवं प्रौद्योगिकी तकनीकी क्षेत्र में रुचि है और व्यवसायिक रुचि पार्लर में, एवं भाषा शिक्षा में आगे बढ़ने कि विशेष रुचि पाई गई, रोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना से जोड़ा गया. इस तरह महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बाल विवाह को रोका गया एवं दो जिंदगी को कम उम्र में बर्बाद होने से बचाकर जीवन जीने की नई दिशा दिखाई गई.


Web Title : AKSHAYA TRITIYA: CHILD MARRIAGE IS BEING STOPPED BY THE WOMEN AND CHILD DEVELOPMENT DEPARTMENT