आरक्षण में आरक्षण का विरोध: बालाघाट बंद का रहा व्यापक असर, आरक्षण बचाओ संयुक्त मोर्चा ने किया था आह्रवान, बसपा और व्यापारियों ने दिया समर्थन

बालाघाट. आरक्षण में आरक्षण के खिलाफ आरक्षण बचाओ संयुक्त मोर्चा के आह्रवान पर भारत बंद में बालाघाट बंद का मुख्यालय सहित जिले में व्यापक असर देखा गया. मुख्यालय के जिस बाजारो में सुबह से ही चहल-पहल दिखाई देती थी, वहां बंद आंदोलन के चलते सन्नाटा पसरा रहा. वाहनों के पहिए जाम हो गए. दुकानों में ताले लटके रहे. आरक्षण बचाओ संयुक्त मोर्चा के आह्रवान पर बुलाए गए बालाघाट बंद को बसपा सहित अन्य दलों और चेंबर ने अपना समर्थन दिया. सुबह से ही आंदोलनकारी, बंद को लेकर आंबेडकर चौक में जुटने शुरू हो गए थे और दोपहर लगभग 1 बजे तक आंबेडकर चौक में आरक्षण संयुक्त मोर्चा और आंदोलन के सहयोगियों की भारी संख्या हो गई. वहीं प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम गोपाल सोनी और सीएसपी अंजुल अयंक मिश्रा के साथ पुलिस बल भी तैनात रहा.  

नगर में आरक्षण संयुक्त मोर्चा ने रैली निकाली और आंबेडकर चौक में सभा की. जिसमें वक्ताओं ने कहा कि न्यायिक व्यवस्था के माध्यम से आरक्षण का खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके कारण अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और अल्पसंख्यक समाज, अपने हक और अधिकार के लिए आज सड़क पर है. आंदोलनकारियों की मांग की कि सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश को निरस्त करने अध्यादेश लाए. इसके अलावा भी कई और अन्य मांगे को लेकर आंदोलनकारी सड़क पर है, दोपहर लगभग 3. 45 बजे, आरक्षण संयुक्त मोर्चा के बैनर तले, आरक्षण में आरक्षण को खत्म किए जाने सहित अन्य मांगो को लेकर अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया.

आदिवासी नेत्री हीरासन उईके ने कहा कि आरक्षण में आरक्षण को लेकर जो निर्णय दिया गया है, उसका पालन, जनगणना और आरक्षण प्राप्त करने वाले वर्गो की स्थिति को देखने के बाद किया जाता तो हम मानते कि अब आरक्षित वर्ग की स्थिति में सुधार है लेकिन ऐसा ना करके, एकाएक निर्णय थोपा जा रहा है, जिसका हम विरोध करते है.  आदिवासी नेत्री संदेश सैयाम ने कहा कि आरक्षण में आरक्षण की शुरूआत, कोर्ट से होनी चाहिए, जहां कॉलेजियम सिस्टम है, इस निर्णय से आरक्षित जातियों को आपस में लड़ाने का काम हो रहा है. आदिवासी गोवारी समाज प्रदेश अध्यक्ष महेश सहारे ने कहा कि सरकार आरक्षण विरोधी है, इससे पहले एट्रोसिटी एक्ट में सरकार ने संशोधन की बात कही थी, अब सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से सरकार आरक्षण को खत्म करने का काम कर रही है, यह आरक्षित वर्गो को बांटना चाहती है. जिसके कारण यह निर्णय सुनाया गया है. संयुक्त मोर्चा जिलाध्यक्ष दिनेश धुर्वे ने कहा कि आज भी आरक्षित वर्ग मुख्यधारा से जुड़ नही पाया है, जो उत्थान की योजनाए आती है, उसका कागजो में पालन कर उसका बंटाधार कर दिया जाता है. आज भी आरक्षित वर्ग को उत्थान के लिए और 75 साल लगेगे.  


Web Title : BALAGHAT BANDH HAD WIDESPREAD IMPACT, RESERVATION BACHAO UNITED MORCHA HAD A CALL, BSP AND TRADERS SUPPORTED