जिले में क्लीनिकों के संचालन में खामियां उजागर, सीएचएमओ ने कहा कि अधिनियम के निर्देशों का पालन जरूरी

बालाघाट. मध्यप्रदेश नर्सिंग होम तथा क्लीनिकल स्टैब्लिशमेंट अधिनियम 1973 के अंतर्गत पंजीकृत संस्था को नियमों का पालन करना आवश्यक है. सीएमएचओ ड़ॉ. मनोज पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले दिनों यह देखा गया कि जिले के पंजीकृत क्लीनिक का संचालन क्षतिग्रस्त भवन में सार्वजनिक खुली मल नाली से लगे हुए तथा रोगियों के लिए आवश्यक शौचालय की सुविधा रहित भवन में किया जा रहा है. ऐसा करना अधिनियम के नियम 18 की अनुसूची तीन की कंडिका 01 का उल्लंघन है.  सीएमएचओ डॉ. पांडेय जिले में पंजीकृत 30 नर्सिंग होम और करीब 100 क्लीनिकों को चेतावनी जारी की है कि समस्त क्लीनिकल स्टैब्लिशमेंट के स्वामी, संचालक या कीपर, अधिनियम के नियम 18 की अनुसूची तीन की कंडिका तीन की कंडिका 1 का पालन सुनिश्चित करेंगे.

नर्सिंग होम और क्लीनिकों के लिए नियम 18 में निर्देश

मप्र नर्सिंग होम तथा क्लीनिकल स्टैब्लिशमेंट अधिनियम 1973 के  अध्याय 2 धारा 4 के खंड 3 नियम 1997 के नियम 18 के अधीन कई आवश्यक नियमों का प्रावधान किया गया है. जिसका किसी भी नर्सिंग होम और क्लीनिक को पालन करना होगा. इसमें उल्लेख है कि भवन तथा आसपास का वातावरण के संबंध में क्लीनिक किसी खुली मलनाली, नाली या सार्वजनिक शौचालय से अथवा धुआं या दुर्गंध छोड़ने वाले किसी कारखाने से लगा हुआ नही होना चाहिए. दूसरा यह भी ध्यान देना होगा कि क्लीनिक किसी मलिन, नम या अन्यथा अनुपयुक्त भवन में स्थित नही होना चाहिए. साथ ही क्लीनिक का भवन स्वच्छ तथा स्वास्थ्यकर दशा में होना चाहिए. तीसरा क्लीनिक भवन में पानी तथा बिजली प्रदाय की पर्याप्त व्यवस्था होना, क्लीनिक के जल निकासी का प्रबंध ऐसा हो कि किसी व्यक्ति को कोई जोखिम या खतरा न हो. चौथा क्लीनिक में फ्लश व्यवस्था सहित शौचालय की सुविधा होना आवश्यक है.


Web Title : FLAUNTING FLAWS IN OPERATION OF CLINICS IN DISTRICT, CHMO SAID THAT THE INSTRUCTIONS OF THE ACT MUST BE FOLLOWED