परसवाड़ा क्षेत्र के दूरस्थ आदिवासी वनग्राम तक पूर्व विधायक मधु भगत ने पहुंचाया राशन, बांट रहे मॉस्क

बालाघाट. कोरोना वायरस कोविड-19 से निपटने किये गये लॉक डाउन के चलते दूरस्थ नक्सल इलाको में गरीब आदिवासियों की हालत इतनी खराब है कि उनके पास खाने को पर्याप्त अनाज नही है. वह एक वक्त भूखे तो एक वक्त पेज और मक्के के दाने को उबालकर नमक के साथ मिलाकर खाने को मजबूर है. इन दिनों कोरोना सक्रमण के चलते पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति है लेकिन लॉकडाउन के चलते जनता को दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है. ऐसे में समाजसेवी और जनप्रतिनिधि भी लोगों की मदद के लिए मसीहा बनकर आगे आ रहे है.  

लॉक डाउन के बाद से परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में पूर्व विधायक मधु भगत लगातार सक्रिय बने हुए है. जहां वह क्षेत्रीय लोगों को कोरोना वायरस से बचाव और सावधानी को लेकर जागरूक करने के साथ ही कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोगों को मॉस्क भी वितरित कर रहे है. यही नहीं बल्कि जरूरतमंदो को भोजन के लिए राशन भी प्रदान कर रहे है.

लॉक डाउन के दौरान विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा के गांव-गांव मे मॉस्क बांट रहे पूर्व विधायक मधु भगत को पता चला कि दूरस्थ ग्रामीण आदिवासी क्षेत्र में निवासरत परिवारों के लोग पर्याप्त अनाज नहीं होने से एक समय भुखे तो एक समय पेज और मक्के के दाने को उबालकर खाने मजबूर है, जिसके बाद तत्काल उन्होंने अपने स्तर से ऐसे जरूरतमंद आदिवासी ग्रामीण परिवारों तक चावल, दाल,मिर्ची और नमक प्रदान किया.

गौरतलब हो कि बालाघाट का परसवाड़ा विधान क्षेत्र, क्षेत्रफल के लिहाज से मध्यप्रदेश मंे बड़े विधानसभा क्षेत्र में शुमार है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शामिल परसवाड़ा के अनेक ग्राम दूरस्थ और पहुंचविहिन है, आदिवासी गांव जंगल, पहाड़ो और नदी नालों से घिरे है. यहां के आदिवासी ग्रामीण 25 से 30 किलोमीटर दूर बाजार या राशन लेने के लिए पैदल जाते है लेकिन कोरोना वायरस से निपटने किये गये लॉक डाउन के चलते आदिवासी ग्रामीण बाजार नहीं जा पा रहे है, जिसके कारण अब इनके पास भोजन के लिए राशन की कोई व्यवस्था नही है. परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव और सावधानी के लिए क्षेत्रीय लोगों को मॉस्क और सहायता सामग्री बांटने के दौरान पूर्व विधायक मधु भगत को वन ग्राम टिकरिया में ग्रामीणों ने बताया कि कई हफ्तों पूर्व उन्होंने बाजार गए थे, लेकिन फिर बाजार बंद होने के कारण वह जरूरत का सामान नहीं ला पाये है और अभी जरूरत के सामान और अनाज खत्म हो गया है. जिसके कारण गांव में ग्रामीण पेज और भुट्टे के दाने को नमक में उबालकर खाने को मजबूर है.

यह जानकारी मिलने के बाद पूर्व विधायक मधु भगत, गत दिवस वनग्राम टिकरिया राशन लेकर पहुंचे. जहां उन्होंने ग्रामीण आदिवासी परिवारों को राशन और जरूरत का सामान दिया. साथ ही उन्होंने ग्रामीणों को कोरोना वायरस के बचाव से जुड़ी जानकारी देकर उन्हें आपस में दूरी बनाकर रहने की बात कही.

पिछले कई दिनों से लगातार लॉक डाउन के दौरान परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में लोगों को मॉस्क और जरूरतमंदो तक राशन पहुंचा रहे पूर्व विधायक मधु भगत गत दिवस पहुंचविहिन वन ग्राम टिकरिया में जद्दोजहद के साथ कच्चे और टेढ़े मेढ़े जंगल, नदी के रास्तो को पैदल और ट्रैक्टर के माध्यम से तय कर राशन लेकर पहुंचे. यहां उन्होंने अपने कुछ लोगो के साथ सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए आदिवासी परिवारों के घर-घर जाकर चावल, दाल, नमक, मिर्च पावडर, साबुन और अन्य सामान की एक किट बांटकर लोगांे को राहत देने का कार्य किया. साथ ही वनग्राम के लोगो से दूरस्थ ग्रामीण इलाकों की जानकारी लेकर अपने स्तर पर हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया.

परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के वनग्राम में जरूरतमंद आदिवासी परिवारों तक जरूरत की सामग्री देने पहुंचे पूर्व विधायक मधु भगत ने शासन, प्रशासन और समाजसेवियो से पंहुच विहिन और दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में जरूरतमंद लोगो तक मदद पहुंचाने की अपील भी की. गौरतलब हो कि कोरोना वायरस से निपटने किये गये लॉक डाउन के बाद रेडक्रॉस सोसायटी में 1 लाख 11 हजार रुपए की राशि दान के करने के बाद पूर्व विधायक मधुभगत लगातार दूरस्थ ग्रामीण अंचलो को चिन्हित कर कार्यकर्ताओ के माध्यम से बनाये गये 20 हजार से अधिक मॉस्क को बंटवाने का कार्य कर रहे है. वहीं पहुंचविहिन ग्रामों तक पहुंचकर जरूरतमंदो को भोजन सामग्री भी प्रदान कर रहे है. साथ ही कोरोना वायरस से बचाव और सावधानी के लिए वह ग्रामीण लोगों को आसपास स्वच्छता बनाने, सामाजिक दूरी बनाये रखने और लॉक डाउन का पालन करते हुए घरो में ही रहने की भी अपील कर रहे है.


Web Title : FORMER MLA MADHU BHAGAT HAS TRANSPORTED RATION TO REMOTE TRIBAL VANGRAM IN PARSWADA AREA, DISTRIBUTING THE MOSS