किसान मोर्चा के बंद आह्रवान पर चारों खूंट बंद रहा कटंगी

कटंगी. सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने केन्द्र सरकार द्वारा लाये गये तीन कृषि कानुनों को वापस लेने एवं एमएसपी की गांरटी देने की मांग को लेकर भारत बंद का आहवान किया था. जिसका कटंगी में खासा असर रहा है, हालांकि मुख्यालय सहित अन्य तहसीलों में बंद बेअसर रहा. किसानों के बंद आह्रवान में कटंगी में सुबह से भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सन्नाटा पसरा रहा. सड़के वीरान और दुकानें बद रही.  

केन्द्र सरकार द्वारा लाये गये तीन कृषि कानून को वापस लेने और एमएसपी की गारंटी कानून बनाये जाने को लेकर 27 सितंबर सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्रवान पर किसान आंदोलन के समर्थन में कटंगी बंद के चलते सुबह से ही सन्नाटा पसरा रहा. इस बंद आह्रवान को कटंगी में राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने बंद का आह्रवान किया था. जिसका स्वस्फूर्त होकर व्यापारियों ने भी सहयोग किया है. कटंगी क्षेत्र के किसानों ने दलगत भावना से हटकर संयुक्त किसान मोर्चा का समर्थन किया है. जिसमंे किसान संगठन और राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों के अलावा युवा जागरूक नेता भी शामिल है. एसडीएम रोहित बम्होरे ने बताया कि बंद शांतिपूर्ण है और प्रशासन इस पर पूरी नजर बनाये हुए है. वहीं प्रदर्शन राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले किसान मुख्यालय के सिनेमा चौक में धरने पर बैठे है.  

राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के जिला संयोजक ईश्वरी प्रसाद बिसेन ने कहा कि 27 सितंबर को अखिल भारतीय स्तर पर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्रवान पर राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ द्वारा कटंगी को संपूर्ण रूप से बंद रखा गया है, विगत 10 महिने से दिल्ली की सीमा पर देश का किसान आंदोलनरत है, 10 महिने पूरे होने पर संपूर्ण बंद का आव्हान किया गया है, ताकि सरकार के काले कृषि कानून को वापस लिये जाने और कृषि उत्पादन की एमएसपी तय करने के लिए यह आंदोलन किया किया जा रहा है और यदि सरकार कृषि कानून को वापस नहीं लेती है और एमएसपी की ग्यारंटी नहीं देती है तो आंदोलन जारी रहेगा. हिन्दुस्तान का पहला ऐसा आंदोलन है, जो 10 माह से चल रहा है, जिसमे किसान बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका निर्वहन कर रहा है, कटंगी नगर के सारे व्यवसायिक प्रतिष्ठान आज 27 सितंबर को बुलाये गये संयुक्त मोर्चा के बंद आह्रवान पर बंद है और व्यापारियों साथियों ने राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के बंद को अपना स्वस्फूर्त समर्थन दिया हैं.  

कांग्रेस नेता आशुतोष बिसेन ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर भारत का किसान 10 महिने से मोदी सरकार द्वारा लाये गये तीन कृषि कानून के खिलाफ आंदोलनरत है, जिससे देश के किसानों का हित प्रभावित होने वाला है, बावजूद इसके सरकार उनकी सुध लेना तो दूर किसानों से बातचीत तक नहीं कर रही है, किसी भी कीमत में सरकार व्यवसायिक मित्रों को लाभ पहुंचाने वाले बिल को वापस नहीं ले रही है, संयुक्त किसान मोर्चा के आव्हान पर संपूर्ण भारत बंद का आज आव्हान किया गया था. जिसके चलते हम सभी किसानो ने आज बंद का आह्रवान किया था और नगर के व्यापारियों ने सहयोग किया, जिससे नगर संपूर्ण बंद है, आम जनता भी किसानों के साथ है, फिर भी सरकार नहीं मानती है तो आगामी में किसान और उग्र रूप धारण करने वाला है, जिसका असर सत्ताधारी सरकार को भोगना होगा. धरना के बाद राष्ट्रपति के नाम कृषि कानून को वापस लेने, एमएसपी ग्यारंटी और स्थानीय खाद्य, दवा की समस्या को लेकर ज्ञापन  सौंपा गया.  

Web Title : FOUR PEGS TO BE CLOSED ON KISAN MORCHAS BANDH CALL