बैहर में बढ़ती गोंगपा की ताकत, बैहर में त्रिकोणीय चुनावी मुकाबला

बालाघाट. जिले की आदिवासी विधानसभा सीट बैहर बीते 10 सालों से कांग्रेस के हाथ में है. यहां संजय उईके 10 सालों से विधायक है, इस बार चुनाव में कांग्रेस ने पुनः उन्हें प्रत्याशी बनाया है, जबकि भाजपा की ओर से भगतसिंह नेताम और गोंगपा से एफ. एस. (फत्तेसिंह) कमलेश के अलावा कुल 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है. जिससे चुनावी मुकाबला रोमांचक हो गया है. बैहर के बारे में एक टोटका कहे या मिथ्थक, यह है कि यहां किसी भी पार्टी के कोई भी प्रत्याशी ने 10 साल बाद फिर चुनाव नहीं जीता है. बैहर की प्रकृति और मतदाता ने किसी भी प्रत्याशी को 10 सालो अर्थात दो पंचवर्षीय कार्यकाल के बाद उसे बाहर का रास्ता दिखाकर फिर किसी प्रत्याशी को बैहर की कमान सौंपी है. इस बार यह मिथ्थक टूटेगा या पुनः इतिहास दोहराया जाएगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन भाजपा और कांग्रेस के साथ ही यहां लंबे समय से आदिवासियों के हक और अधिकार की आवाज बुलंद करने के साथ ही बैहर को जिला बनाने के लिए संघर्षरत एफ. एस. कमलेश हमेशा आगे रहे है और वे यहां बसपा और गोंगपा के गठबंधन से चुनाव लड़ रहे है. इससे पूर्व यहां बसपा अलग चुनाव लड़ती रही है, जिससे वोटों का बिखराव होता रहा है लेकिन इस बार गठबंधन में बसपा गोंगपा के साथ चुनाव लड़ रही है. जिससे यहां गोंगपा प्रत्याशी एफ. एस. कमलेश की स्थिति को मजबूत माना जा रहा है. जिससे राजनीति के जानकार, यहां चुनावी मुकाबला कांग्रेस, भाजपा और गोंगपा के बीच होना मान रहे है अर्थात बैहर में मुकाबला केवल भाजपा और कांग्रेस के बीच ना होकर गोंगपा की इंट्री से अब त्रिकोणीय हो गया है.  

बैहर के विधानसभा के 10 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला, इस बार बैहर के 2 लाख 31 हजार 262 मतदाता करेंगे. जिसमें पुरूषों की अपेक्षा महिला मतदाताओं की संख्या ज्यादा है, भले ही यहां महिला मतदाताओं की संख्या ज्यादा है लेकिन दो निर्दलीय प्रत्याशी को छोड़कर शेष 08 प्रत्याशी पुरूष है, बीते 2018 में यहां भाजपा ने महिला प्रत्याशी उतारा था लेकिन उसे कांग्रेस प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा था, बीते 2018 की परिस्थिति, बैहर के मिथ्थक और वर्तमान परिस्थिति के बीच काफी अंतर आ गया है. जिससे किसी भी प्रत्याशी के यहां जीत की प्रबल संभावना कोई नहीं लगा पा रहा है. अब तक यहां कांग्रेस और भाजपा के बीच ही चुनाव में सीधा मुकाबला रहा है लेकिन गोंगपा की उपस्थिति ने बैहर विधानसभा के चुनाव को त्रिकोणीय बनाने के साथ ही रोचक बना दिया है.  

एक जानकारी के अनुसार बैहर विधानसभा में 1 लाख 13 हजार 124 पुरुष मतदाता, 1 लाख 18 हजार 136 महिला मतदाता तथा 2 थर्ड जेंडर मतदाता सहित कुल 2 लाख 31 हजार 262 मतदाता है. जो किसी क्षेत्र के प्रतिनिधित्व की बागडोर सौंपते है, इसका आधा खुलासा तो 17 नवंबर को होने वाली वोटिंग और 3 दिसंबर को पूरा फैसला हो जाएगा. बैहर विधानसभा चुनाव में जीत को लेकर कांग्रेस, भाजपा और गोंगपा के साथ ही अन्य प्रत्याशियो ने भी जान फूंक दी है, लेकिन चुनाव का मुख्य मुकाबला क्षेत्रीय जनता और राजनीति के जानकार तीन प्रत्याशी, भाजपा, कांग्रेस और गोंगपा के बीच मान रहे है, अब देखना है कि यह चुनाव किस प्रत्याशी के भाग्य का भाग्योदय करता है और किसकी राजनीति का सूर्यास्त होता है.


Web Title : GONGPAS STRENGTH IS INCREASING IN BAIHAR, TRIANGULAR ELECTORAL CONTEST IN BAIHAR