मंत्री की क्लास में शासकीय अधिकारी फेल, नहीं दे सके योजना के सवाल का जवाब

बालाघाट. ग्राम नक्शी में आयोजित खण्ड स्तरीय जनसेवा शिविर मे आयुष मंत्री कावरे ने शासकीय सेवकों की अच्छी तरह से क्लास ले ली. उन्होंने जनसेवा शिविर में चलाई गई योजनाओं के संबंध में जब पूछना चालू किया तो ग्राम के रोजगार सहायक सचिव एवं पीसीओ सही जवाब नहीं दे पाए. मंत्री कावरे ने जब मंच से पूछा कि शिविर में भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार की कितनी पेंशन योजनाओं को शामिल किया गया. पंचायत सचिव द्वारा बताया गया कि 7 पेंशन, जनपद पंचायत की कार्यपालन अधिकारी श्रीमती श्रुति ताराम ने बताया कि 10 पेंशन को शामिल किया गया है तब मंत्री जी ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि जब आप लोगों को ही सही जानकारी नहीं है तो हितग्राही को क्या लाभ देंगे? इसके बाद मंत्री कावरे ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन एवं भारत सरकार दोनों की पेंशन योजनाओं को मिलाकर कुल 12 संख्या होती है. मंत्री कावरे ने मंच से ही इन लोगों का 01 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए.

मंत्री कावरे ने राजस्व विभाग के पटवारी, महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक, स्वास्थ्य विभाग की एएनएम, सीएचओ से बारी-बारी से उनकी विभागीय योजनाओं के संबंध में पूछा लेकिन वे सही जवाब नहीं दे पाए. नक्शी में पदस्थ स्वास्थ्य विभाग की दो एनएनएम एवं सीएचओ के वेतन पर हर माह 85 हजार रुपये खर्च होने के बाद भी उन्हें यह पता नहीं था कि उनके स्वास्थ्य केन्द्र से कितनी प्रकार की पैथोलाजी जांच निःशुल्क कराई जाती है. उनके द्वारा 05 प्रकार की जांच के बारे में ही बताया गया. इस पर मंत्री कावरे ने उन्हें बताया कि गांव के स्वास्थ्य केन्द्र में 12 प्रकार टेस्ट निरूशुल्क कराये जाते है. इनमें बीपी, शुगर, मलेरिया, पेशाब, टाईफाईड, एचआईव्ही, गर्भ परीक्षण, हिमोग्लोबिन के टेस्ट भी शामिल है. स्वास्थ्य कार्यकर्ता को यह भी पता नहीं था कि गांव में कितने मरीज शुगर, बीपी से ग्रसित हैं और कितने लोग कैंसर या अन्य गंभीर बीमारी से ग्रसित है. उन्होंने स्वास्थ्य कार्यकर्ता से कहा कि वे घर-घर जाकर लोगों से संपर्क करें और उनकी जांच कर उपचार कराने की पहल करें. हितग्राही मूलक योजनाओं की सही जानकारी ना होने पर मंत्री कावरे ने नाराजगी व्यक्त की और कहा कि उच्च अधिकारियों से बात कर सख्त कार्यवाही करने कहेंगे.


Web Title : GOVERNMENT OFFICIALS FAIL IN MINISTERS CLASS, COULD NOT ANSWER THE QUESTION OF THE SCHEME