आज मनाया जायेगा हरछठ पर्व,मां करेगी बेटे के दीर्घायु की कामना का हरछठ व्रत

बालाघाट. भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाने वाला हरछठ (हलषष्ठी) व्रत आज मंगलवार 05 सितंबर को मनाया जायेगा. साथ ही यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के ज्येष्ठ भ्राता श्री बलरामजी के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है. बलरामजी का प्रधान शस्त्र हल तथा मूसल है, इसी लिए उन्हें हलधर भी कहा जाता है, इसी कारण इस पर्व को ‘हलषष्ठी या हरछठ’ कहते हैं. इस दिन विशेष रूप से हल की पूजा करने और महुए की दातून करने की परंपरा है.  इस दिन महिलायें अपने संतान की दीर्घायु और उसके स्वस्थ्य जीवन की कामना के लिए व्रत रखकर पूजन आदि करती हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान हलधर यानी कि बलराम जी उनके पुत्रों को लंबी आयु प्रदान करते हैं. वहीं संतान उत्पत्ति की भी कामना पूरी करते हैं. इस दिन अपनी संतान की लंबी उम्र की कामना के साथ इस दिन माताएं पूरे मन से पूजन करती हैं. माना जाता है कि जो माताएं इस व्रत को करती हैं उनके पुत्र के जीवन पर आए संकट दूर होते हैं.

हिंदू पंचांग के मुताबिक हरछठ आज 05 सितंबर मंगलवार को है. इस व्रत में विशेष रूप से गाय के दूध और उससे तैयार दही का प्रयोग कतई वर्जित है. हां भैस के दूध, दही का सेवन किया जा सकता है. कहते हैं इस दिन जोता बोया अन्न नहीं खाना चाहिये. इसलिए इस व्रत में पसही के चावल और महुए की मिठास से बनी चीजे खा कर व्रत खोला जाता है.  बालाघाट में यह पर्व बड़ी ही आस्था, विश्वास और श्रद्वा के साथ व्रतधारी महिलाओं के घर में मनाया जाता है, जहां महिलाओं को पूजा के लिए आमंत्रित किया जाता है और पूजन उपरांत उन्हें बांस से बनी टोकरी में लाई, महुआ, चने और पूजन में चढ़े फलों का प्रसाद वितरित किया जाता है. हरछठ व्रत से एक दिन पूर्व अर्थात 04 सितंबर को बाजार में पूजन सामग्री खरीदने महिलायें बाजार पहुंची थी, जहां से पूजन सामग्री के अलावा पूजन में चढ़ने वाले फल और बांस से बनी छोटी टोकनियों की खरीददारी की. आज हरछठ का व्रत मुख्यालय सहित पूरे जिले में विधिविधान से मनाया जायेगा.


Web Title : HARCHHATH FESTIVAL WILL BE CELEBRATED TODAY, MOTHER WILL PRAY FOR THE LONG LIFE OF HER SON