बैलगाड़ी से चर्चा में आए निर्दलीय प्रत्याशी धनेन्द्र शरणागत की फॉर्म उठाने की चर्चा, मेरे चुनाव लड़ने से कांग्रेस और भाजपा को होगा नुकसान-धनेन्द्र शरणागत

बालाघाट. 30 मार्च को नामांकन फॉर्म वापसी का अंतिम दिन है, नामांकन फार्म की संविक्षा के बाद चुनाव में खड़े प्रत्याशियों को अपने पक्ष में करने, बड़े राजनीतिक दलों ने अन्य प्रत्याशियों को नामांकन फॉर्म वापसी के दिन पक्ष में नामांकन वापस लेने को लेकर चर्चा की, ताकि चुनाव मंे उनके वोटों का बंटवारा ना हो.  खास बात यह है कि आदिवासी के बाद संसदीय क्षेत्र में बड़े जातिगत वोटो में पंवार समाज आता है, जिसकी वोटों की संख्या अन्य समाज लोधी, कलार, कुनबी, कहार, मुस्लिम, दलित और अन्य समाजो के वोट है. इस संसदीय चुनाव मंे 17 प्रत्याशियों में पंवार समाज के दो ही प्रत्याशियों ने नामांकन जमा किया है. जिसमें भाजपा से भारती पारधी और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में हास्य व्यंग्य कलाकार धनेन्द्र शरणागत उर्फ देवपंवार उर्फ बनवारी काका है. जिनके बैलगाड़ी से नामांकन रैली निकाले जाने से वे, लोकल मीडिया सहित प्रादेशिक और राष्ट्रीय स्तर की मीडिया में छाए रहे.  

अपनी कलाकारी से लोगों का मनोरंजन कर रहे धनेन्द्र शरणागत उर्फ देव पंवार, बनवारी काका के रूप में सोशल मीडिया में एक बड़े कलाकार के रूप में देखे और पहचाने जाते है. जिनके बड़ी संख्या में प्रशंसक है. लोगों के चेहरे पर खुशियां बांटने वाले बनवारी काका उर्फ देव पंवार उर्फ धनेन्द्र शरणागत, बालाघाट-सिवनी संसदीय क्षेत्र में ताल ठांेक चुके है, हालांकि 30 मार्च के बाद तस्वीर साफ हो जाएगी कि चुनावी मैदान में कौन योद्धा रहेगा और कौन चुनावी युद्ध से डरकर मैदान छोड़ेगा. इससे पूर्व निर्दलीय प्रत्याशी धनेन्द्र शरणागत उर्फ देव पंवार के नामांकन वापसी की चर्चा, संसदीय क्षेत्र में गर्म रही.  

हालांकि दूरभाष में चर्चा पर प्रत्याशी धनेन्द्र शरणागत ने इस चर्चा को अफवाह बताया है. उनका कहना है कि आज संसदीय क्षेत्र की जनता उनका भाई और बेटा चुनाव लड़ रहा है, यह जानकार उत्साहित है. पहले ही चुनाव में यदि वह नाम वापस लेते है तो इससे उनके राजनीतिक कैरियर पर फर्क पड़ेगा. हालांकि उन्होंने पार्टियों का कोई जिक्र नहीं किया लेकिन यह जरूर बताया कि उनके पास, पार्टी के फोन आ रहे है कि वह नामांकन फॉर्म वापस ले, लेकिन हमने ठाना है, भले ही लाखों खर्च नहीं कर सके, हजारों की भीड़ इकट्ठी नहीं कर सके, एक वाहन में घूमना पड़े, लेकिन वह संसदीय क्षेत्र का यह चुनाव जरूर लड़ेंगे.  

उन्होंने कहा कि चर्चा होनी चाहिए, चर्चा चाहे बुरी हो या अच्छी हो, होती रहनी चाहिए. नामांकन वापसी तक चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि लंबे समय से वह लोगों की चेहरे पर अपनी कलाकारी के माध्यम से खुशियां देने का काम कर रहे है लेकिन आज भी संसदीय क्षेत्र के लोगों को वास्तविक खुशी नहीं मिल सकी है. विधानसभा चुनाव में महिलाओं और किसानों को भाजपा ने लॉलीपॉप दिया, लेकिन किसानों को नींबु चुकाने के अलावा, भाजपा ने क्या किया, आज किसान, भाजपा को वोट देने के बाद स्वयं को ठगा महसुस कर रहा है. जिले का युवा नाराज है, जिले में रोजगार नहीं है. उन्होंने कहा कि हम ना तो नामांकन वापस ले रहे है और ना ही किसी पार्टी के दबाव में है, हम संसदीय क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकास, युवाओं को रोजगार और किसानों और महिलाओं के सम्मान में खड़े है और हमें पूर्ण विश्वास है कि हमारी मौजूदगी से भाजपा और कांग्रेस को ही ज्यादा नुकसान होगा और हमें इसका फायदा मिलेगा.


Web Title : INDEPENDENT CANDIDATE DHANENDRA SHARNAGAT, WHO CAME INTO THE LIMELIGHT WITH A BULLOCK CART, WILL HARM CONGRESS AND BJP IF HE CONTESTS ELECTIONS.