खराब और टूटी झाडु के भरोसे नगर की सफाई, महिनो से सफाई कर्मियों को नहीं मिली झाडु

बालाघाट. नगरीय क्षेत्र में सफाई व्यवस्था की हालत क्या है, यह किसी से छिपी नहीं है. शहर के सड़को और डिवाईडरो के किनारे धूल और कचरे को आसानी से देखा जा सकता है. हालांकि ऐसा नहीं है कि नगरपालिका में सफाई कर्मी कम है, सफाई कर्मियों की बहुतायात संख्या होने के बावजूद सफाई व्यवस्था पर हमेशा सवाल खडे़ होते रहे है.  वहीं सफाई कर्मी, महिलाए, झाडु के टूट और खराब होने से परेशान है. नाम ना छापने की शर्त पर उनका कहना है कि महिनो से झाडु नहीं मिली है. स्वच्छता विभाग के सूत्रों का कहना है कि झाडु से सफाई करने वाले सफाईकर्मियांे को वैसे तो हर महिने नई झाडु दी जानी चाहिए लेकिन विगत तीन माह से झाडु नहीं मिली है. जिससे साफ है कि खराब और टूटी झाडु से सफाई कैसी होगी. यह आलम तब है, जब हम नगर को स्वच्छ और साफ नगर बनाने चाहते है. फिलहाल, यह तो केवल सड़को पर होने वाली सफाई से जुड़ा है, लेकिन हालत यह है कि शहर के खाली प्लाटो से लेकर नालियो में भी सफाई का आभाव है. वार्ड में महिनों से नालियों की सफाई नहीं होने से गंदा पानी जमा है और यहां मच्छरों के लार्वा पैदा हो रहे है. जिससे मलेरिया और डेंगु का खतरा पैदा होने लगा है.


Web Title : CLEANING OF THE CITY RELYING ON A BAD AND BROKEN BROOM, SANITATION WORKERS DID NOT GET A BROOM FOR MONTHS