बीमार मां की देखरेख कर रही मासुम को अस्पताल से अगवा का प्रयास!,ट्रेनी नर्सो की सजगता से मासुम बच्ची सुरक्षित, सुरक्षाकर्मियों के बाद भी बढ़ रही घटनायें

बालाघाट. जिला चिकित्सालय चाईल्ड लाईन द्वार आंख और शरीर से कमजोर महिला को उपचारार्थ जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है. जिसकी देखरेख के लिए उसकी आठ वर्षीय मासुम है, वहीं बीमार महिला और उसकी बेटी के खान-पान की देखरेख और ईलाज की जिम्मेदारी बालाघाट न्यायालय के माननीय न्यायाधीश एडीजे आशीष शुक्ला के मार्गदर्शन में चाईल्ड लाईन समन्वयक शिवकुमार गायकवाड़ और आवाज संस्था समन्वयक शिवगिरी गोस्वमी देख रहे है. जिन्हें 22 सितंबर को पता चला कि बीमार मां के साथ अस्पताल में मौजूद उसकी 8 वर्षीय मासुम बेटी को बीते 21 सितंबर की शाम अगवा करने का प्रयास अज्ञात लोगों द्वारा किया गया. जब मासुम को कुछ लोग हाथ पकड़कर ले जा रहे थे, इस दौरान ही ट्रेनी नर्सो की नजर उस पर पड़ी और जब उन्होंने आवाज लगाई तो मासुम को साथ ले जा रहे फरार हो गये. जिसस साफ है कि जिला अस्पताल में निजी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद मासुम को अगवा करने का प्रयास किया जा रहा था, जो ट्रेनी नर्सो की सजगता से पूरा नहीं हो सका. अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था, वैसे ही सुर्खियांे में है, हालिया दिनों में अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों के मोबाईल और रूपयों की चोरी के मामले में अस्पताल प्रबंधन ने भरोसा दिलाया था कि ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने तैनात सुरक्षाकर्मियों को हिदायत दी जायेगी, लेकिन हालत जस के तस बने है, जिसके चलते बीते 21 सितंबर को आंखो और शरीर से कमजोर बीमार मां की देखरेख में लगी 8 वर्षीय मासुम को अगवा करने का असफल प्रयास किये जाने का मामला सामने आया है.

एम्बुलेंस कर्मियों की व्यक्तिगत खिंची गई तस्वीरें

बीमार मां की देखरेख में लगी मासुम के अगवा करने के असफल प्रयास के बाद चाईल्ड लाईन ने घटना की जानकारी माननीय न्यायाधीशगणों को दी. जिसे गंभीरता से लेते हुए बालाघाट न्यायालय के माननीय न्यायाधीशगण प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश आशीष शुक्ला और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार प्रजापति अस्पताल पहुंचे. जहां अस्पताल प्रबंधन और पुलिस की मौजूदगी में एम्बुलेंस चालकों की व्यक्तिगत तस्वीरें खिंची गईं. ताकि मासुम को अस्पताल से अगवा करने का असफल प्रयास करने वालों की घटना को देखने वाली नर्सो से शिनाख्त हो सके. वहीं माननीय न्यायाधीश ने पुलिस को भी मामले की जांच के लिए सख्त निर्देश दिये है.  

जानकारी मिलने पर माननीय न्यायाधीश को दी गई सूचना-शिवकुमार गायकवाड़

चाईल्ड लाईन समन्वयक शिवकुमार गायकवाड़ ने महिला के बारे में पूरी जानकारी देते हुए बताया कि बीमार महिला के साथ उसकी मासुम बच्ची को अगवा करने के प्रयास की बीती रात की जानकारी आज मिली. जिसके बाद मेरे द्वारा इसकी सूचना माननीय न्यायाधीश जी को दी गई.  

मानवता के नाते माननीय न्यायाधीश और चाईल्ड लाईन करवा रही बीमार महिला का ईलाज

बताया जाता है कि मलाजखंड के मोहगांव की एक महिला बीते काफी समय से आंख की रोशनी और शारीरिक कमजोरी के कारण अत्यधिक बीमार थी. जिसकी सारी दैनिक क्रिया बिस्तर पर ही होती थी. चूंकि महिला के भर्ती भी मानसिक रूप से अस्वस्थ्य होने के कारण वह मंडला में भीख मांगकर गुजारा करते है, ऐसे में महिला के दो बच्चे बेटे और बेटी ही पड़ोसी के जानवर चराकर और भीख मांगकर अपना जीवन गुजर बसर कर रहे थे. जैसे ही एक विद्वान अधिवक्ता की नजर ने बच्चों को भीख मांगते देखा और हालत की जानकारी ली तो इसकी सूचना अधिवक्ता द्वारा चाईल्ड लाईन को दी गई थी. जिसके बाद चाईल्ड लाईन गांव पहुंचा और हालत का जायजा लिया था तो स्थिति काफी विपरित थी. मसलन महिला के दैनिक क्रिया घर में ही करने और मासुम बच्चों के भीख मांगने की स्थिति को समझते हुए काफी प्रयास के बाद चाईल्ड लाईन ने महिला को बिरसा के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उपचार के लिए भर्ती कराया और मासुम बच्चो की जिम्मेदारी उठाई थी. जिसके बाद जब महिला के शरीर में एक सप्ताह ईलाज के बाद एनर्जी दिखी तो उसे बीते 11-12 दिन पहले चाईल्ड लाईन ने जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराया था. मानवता के चलते बालाघाट न्यायालय के माननीय न्यायाधीश आशीष शुक्ला भी, उनकी देखरेख कर रहे थे. सूत्रों की मानें तो महिला के समुचित उपचार के लिए व्यक्तिगत रूप से भी वह भावनात्मक रूप से जुड़े थे. महिला और मासुम बच्ची के अस्पताल में भोजन की देखरेख चाईल्ड लाईन देख रही थी. जबकि एक बार रात में वनस्टॉप सेंटर से भी उन्हें देखने कर्मी आते थे. भावनात्मक सहयोग और ईलाज से महिला की हालत में सुधार भी हो रहा था, चूंकि आंख से जन्मजात अंधे नहीं होने से न्यूट्रिशियन की कमी से आंख पर पड़े असर को लेकर चिकित्सकों का भी कहना था कि महिला की आंखो में सुधार हो सकता है, जिससे महिला के पूर्ण स्वस्थ्य को लेकर पूरी टीम आश्वस्त थी, लेकिन इसी बीच उसके साथ अस्पताल में रह रही, मासुम को अगवा करने के प्रयास की घटना ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिये है. बहरहाल सख्त निर्देश के बाद अब पुलिस, मासुम को अगवा करने वालों की तलाश में जुटी है. वहीं इस मामले में अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदारों को फोन लगाने के बाद भी उनसे संपर्क नहीं हो सका.


Web Title : MASUM, WHO IS LOOKING AFTER A SICK MOTHER, ATTEMPTS TO KIDNAP HER FROM HOSPITAL!, MASUM GIRL SAFE WITH TRAINEE NURSES ALERTNESS, INCREASING INCIDENTS EVEN AFTER SECURITY PERSONNEL