रमरमागढ़ शंभू सेहक पेनढाना में अतिक्रमण और भूमकाओं से मारपीट पर आंदोलित आदिवासी भूमका, 15 दिन का समय, जिले में आदिवासियों पर हो रहा अत्याचार-धुर्वे

बालाघाट. वारासिवनी क्षेत्र अंतर्गत रमरमागढ़ शंभू सेहक पेनढाना में गैर आदिवासियों द्वारा किये जा रहे अतिक्रमण और भूमकाओं से मारपीट का मामला जोर पकड़ते जा रहा है. जिसके खिलाफ अखिल गोडवाना कोया पुनेम सेवा संस्था के नेतृत्व में भूमका संगठन ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान आदिवासी विकास परिषद जिलाध्यक्ष दिनेश धुर्वे भी उपस्थित थे.

बताया जाता है कि रमरमागढ़ प्राचीन पुरातत्व धरोहर है, जहां रमरमागढ़ शंभू सेहक पेनढाना में पिछले 10 पीढ़ियों से भूमकाओं द्वारा प्रकृति पूजा और आदिवासी धार्मिक पूजा होती आ रही है. जहां विगत कुछ समय से क्षेत्र के हो रहे नवीनीकरण से आदिवासी समाज नाराज है, उनका मानना है कि नवीनीकरण करने से स्थल की आस्था आहत होगी. यहीं नहीं बल्कि गैर आदिवासियों द्वारा यहां पूजन-पाठ करने वाले भूमकाओं से मारपीट की घटना को भी अंजाम दे चुके है, जिसको लेकर भुमका संघ पहली बार इसकी खिलाफत में खड़ा हो गया है और उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि 15 दिनों में वहां हो रहे अवैध अतिक्रमण और भूमकाओं के साथ मारपीट करने वालो पर कार्यवाही नहीं की जाती है तो बालाघाट मुख्यालय मंे राष्ट्रीय स्तर का आंदोलन किया जायेगा.  

आदिवासी विकास परिषद जिलाध्यक्ष दिनेश धुर्वे ने कहा कि रमरमागढ़ शंभू सेहक पेनढाना हमारा धार्मिक स्थल है. जहां समाज के भूमकाओं द्वारा पूजा-पाठ किया जाता है, लेकिन वहां गैर आदिवासियों द्वारा ना केवल धार्मिक स्थल पर अतिक्रमण करने का काम किया जा रहा है, बल्कि पूजा-पाठ करने वाले भूमकाओं से मारपीट भी की गई और उनके कपड़े फाड़कर उन्हें जातिसूचक गालियां दी गई. जिसका आदिवासी विकास परिषद निंदा करता है. आज हम प्रशासन को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराने आये है कि आदिवासियों के धार्मिक स्थल पर अतिक्रमण को रोका जायें और भूमकाओं के साथ मारपीट करने वाले असामाजिक तत्वों पर कार्यवाही की जाये. उन्होंने कहा कि जिले में आदिवासियों के साथ प्रताड़ना लगातार बढ़ती जा रही है आदिवासियों पर अत्याचार किया जा रहा है, उनका शोषण किया जा रहा है. रमरमागढ़ शंभू सेहक पेनढाना में पूजन करने वाले भूमकाओं की सुरक्षा और आदिवासियों पर अत्याचार एवं उनके शोषण पर लगाम लगाई जायें अन्यथा बड़ा आंदोलन जिले में किया जायेगा, जिसकी जवाबदारी शासन, प्रशासन की होगी.

भूमका संगठन कार्यवाहक जिलाध्यक्ष धर्मराज कुर्वेती ने बताया कि रमरमागढ़ शंभू सेहक पेनढाना में गैर आदिवासियों द्वारा हमारे भूमकाओं के साथ अभद्र व्यवहार और मारपीट की घटना हुई है, यही नहीं बल्कि धार्मिक स्थल पर अतिक्रमण करने का प्रयास किया जा रहा है. आगामी 15 दिनों के भीतर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है तो राष्ट्रीय स्तर पर संचालित भूमका संगठनांे को जिले में बुलाकर एवं आदिवासी समाज के सभी संगठनों के साथ उग्र आंदोलन किया जायेगा.


Web Title : RAMRAMGARH SHAMBHU SEHAK PENDHANA: TRIBALS PROTEST AGAINST ENCROACHMENT AND ASSAULT ON LAND OWNERS, 15 DAYS TIME, ATROCITIES ON TRIBALS IN THE DISTRICT