समाजसेवी त्रिलोकचंद कोचर को नम आंखो से दी गई विदाई, अंतिम विदाई में जुटे राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक संगठनों के पदाधिकारी और समाज के बंधु

बालाघाट. नगर के प्रतिष्ठित समाजसेवी जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व कोषाध्यक्ष त्रिलोकचंद कोचर 73 वर्ष का रविवार की रात्रि उपचार के दौरान नागपुर में निधन हो गया. जिनकी अंतिम यात्रा सोमवार को दोपहर में उनके गृह आवास सेवासदन राममंदिर के पीछे से निकाली गई. अंतिम संस्कार जागपुरघाट स्थित मोक्षधाम में किया गया. स्व. त्रिलोकचंद कोचर अपने पीछे भरा पूरा परिवार पत्नी, एक पुत्र, एक पुत्री नाती, पोतो का भरा पूरा परिवार छोड़ गए है.  

50 से भी अधिक संगठनों से थे जुड़े  

स्व. त्रिलोकचंद कोचर चेंबर ऑफ कामर्स के संस्थापक, विचक्षण जैन हास्पिटल के अध्यक्ष, मप्र फुटबॉल एशो. के दूसरी बार अध्यक्ष, अंतर्राष्ट्रीय समाजसेवी संस्था बालाघाट के संस्थापक, सीनियर सिटीजन संघ के अध्यक्ष के अलावा करीब 50 से भी अधिक संगठनों के पदाधिकारी थे. कोलकाता में जन्में श्री कोचर ने बालाघाट को अपनी कर्मभूमि बनाया.  

बैगा-आदिवासियों के थे चहेते

जिले के सबसे बड़े समाजसेवी स्व. त्रिलोकचंद कोचर मृदुभाषी व्यक्तित्व के धनी थे. वे गरीबों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं थे. कोई भी जरूरतमंद उनके द्वार से खाली हाथ वापस नहीं लौटता था. वे बैगा अदिवासियों के चहेते थे. दुर्गम जंगलों में जाकर उन्होने बैगा-आदिवासियों के जीवन में बदलाव लाने की मुहिम शुरू की. जिले को मोतियाबिंद मुक्त जिला बनाने की पहल महावीर इंटरनेशनल संस्था से की. इसके इतर ढाई दशक पहले जिले में पहली बार उन्होने कैंसर जांच उपचार शिविर लगाकर पीड़ितों का सफल ऑपरेशन करवाया था.  

अंतिम क्षणों तक की जरूतमंदो की सेवा

बालाघाट जिला ही नहीं अपितु पडोसी जिले में जरूरतमंदो की सेवा के सारथी स्व. त्रिलोकचंद कोचर ने त्रिलोकचंद शांतिदेवी कोचर ट्रस्ट के माध्यम से अपने बूते करीब एक हजार से भी अधिक स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया है. हर जरूरतमंदो की सेवा करना उनके जीवन का ध्येय रहा है. स्व. त्रिलोकचंद कोचर के निधन जिले को एक अपूर्णीय क्षति हुई है जिसकी भरपाई करना संभव नहीं है.


Web Title : SOCIAL WORKER TRILOKCHAND KOCHHAR PASSES AWAY