विभाजन की विभिषिका से गुजरे परिवारों का संघर्ष सबसे अलग-कलेक्टर मीणा, विभाजन विभिषिका को झेलने वाले परिवारों के सदस्‍यों को किया गया सम्‍मानित, कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष ने जताई आपत्ति

बालाघाट. भारत के विभाजन के दौरान जिन परिवारों के सदस्यों को प्राण न्यौछावर करना पड़े, उन परिवारों को नमन करने के लिए बुधवार को नगर पालिका में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया.  कार्यक्रम में कलेक्टर मृणाल मीणा ने कहा कि जो परिवार इस स्थिति से गुजरे है, उन परिवारों का संघर्ष सबसे अलग है. उन परिवारों को किन परिस्थितियों से गुजरना पड़ा, इसकी पुनरावृति आगे नही होनी चाहिए. इसके लिए ऐसे प्रयास करने होंगे. जिससे ऐसी पुनरावृति न हो. उस वक्त को दिनचर्या में याद करके हमें देश की सेवा में भूमिका निभानी होगी, तभी देशभक्ति का मतलब सार्थक होगा.

कार्यक्रम में पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि आज हम आजादी का अमृत काल मना रहें है. विभाजन को याद करते हुए आज भी रोंगटे खड़े हो जाते है. आजादी की लड़ाई में शहीदों को नमन करते हुए हमें उन लोगों को भी नमन करना चाहिए. राष्ट्र की जनता में देशभक्ति और राष्ट्र भावना नहीं होगी तो देश मजबूत नहीं होगा. इस दौरान नपा अध्यक्ष श्रीमती भारती पारधी ने कहा कि विभाजन की विभीषिका एक काला दिन था. वो परिवार, जिन्होंने विभाजन के दंश को झेला है आज वे कही न कही जीवन यापन कर रहें है. उन परिवारों के साथ सरकार सहानुभूति के साथ खड़ी है.

वर्ष 2021 से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जा रहा है. नपा में इस दिवस को दर्शाने के लिए चित्र प्रदर्शनी लगाई गई और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की शौर्य गाथाओं का स्मरण किया गया. इस दौरान विभाजन विभिषिका स्मृति दिवस पर 1947 के बंटवारे के समय झेले गये दर्द को बयां किया गया. कार्यक्रम में पीड़ा झेलने वाले सदस्‍यों ने बताया कि किस तरह से उनके परिवारों पर यातनाएं की गई, जिसका आज भी उन्हें सब कुछ स्मरण है. उन्‍होंने बताया कि उस वक्त का दृश्य झकझोर कर रख देने वाला था. लाहौर से अमृतसर तक आने वाले रेलगाड़ी रक्तरंजित थी. जहां रेलवे स्टेशन पर आरएसएस ने भोजन आदि की व्यवस्थाएं की और सभी का ख्याल रखने की कोशिशें की थी. विभाजन विभिषिका का आशय यही है कि हमारा देश आजादी के समय हुए बंटवारें जैसी यातनाओं से सुरक्षित रहे. कार्यक्रम के दौरान रूपचंद सचदेव, रमेश मंगलानी, साजनदास करड़ा, श्यामलाल गुरनानी, घनश्याम दास कावरे का सम्मान किया गया.

इस दौरान विधायक कटंगी गौरवसिंह पारधी, सत्यनारायण अग्रवाल, महिला नेत्री मौसम बिसेन,संजय मिश्रा, संजय खंडेलवाल, अनिल धुवारे, सुशील वर्मा, जिला पंचायत सीईओ, एसडीएम गोपाल सोनी, सभापति पार्षद मानक बर्वे, कमलेश पांचे, वकील वाधवा, सुरजीत सिंह ठाकुर, संगीता खगेश कावरे, योगिता विनय बोपचे, संगीता छोटू थापा, उज्जवल आमाडारे, सीएमओ निशांत श्रीवास्तव के अतिरिक्त बंटवारे समय विस्थापन की पीड़ा झेलने वाले परिवारों से राजलदास कारडा, चेतन पंजवानी, हरिराम गंगवानी, प्रताप नावानी, सुरजीतसिंह छाबड़ा सहित  नपा के अधिकारी-कर्मचारी एवं छात्र-छात्राओं के साथ ही आम नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे.

हालांकि शासकीय विभाजन विभिषिका को लेकर कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष योगराज कारो लिल्हारे ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि यह सही है कि विभाजन गलत था और विभाजन का दिन काला दिन था लेकिन स्वतंत्रता दिवस की खुशी पर जिस तरह से विभाजन विभिषिका को पेश किया जा रहा है, वह गलत है, जिसको लेकर हमने आपत्ति जाहिर की है. वहीं उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भाजपा नेताओं की गैरमौजूदगी की बात भी कही. कांग्रेस के आयोजन को लेकर विरोध के चलते नगरपालिका में पुलिस भी पहुंची थी.  


Web Title : STRUGGLE OF FAMILIES WHO SUFFERED FROM PARTITION IS DIFFERENT: COLLECTOR MEENA, MEMBERS OF FAMILIES WHO SUFFERED PARTITION WERE HONORED