सीएम राईज में पढ़ाना मुसीबत बन गई हमारी, भाऊ के गृहग्राम के लोगों ने जनसुनवाई में सुनाई व्यथा

बालाघाट. कथित दिल्ली स्कूल की तर्ज पर प्रदेश में सीएम राईज की घोषणा के बाद उसकी सुविधाओं का प्रचार करके, सरकार ने स्कूल तो खोल दिये, लेकिन आज भी सीएम राईज स्कूल की सुविधाओं का लाभ, स्कूली छात्र, छात्राओं को नहीं मिला है. जिसकी सुविधाओं को जानकर अपने बच्चें का दूर स्थित सीएम राईज स्कूल में प्रवेश कराने के बाद अब पालक परेशान है और वह व्यवस्था नहीं सुधरने पर बच्चों को स्कूल से निकाल तक देने की बात कर रहे है.

गौरतलब हो कि जहां से यह शिकायत सामने आई है, वह स्कूल,महाकौशल के बड़े नेता और राजनीतिक चातुर्य गौरीशंकर बिसेन ‘‘भाऊ’’ के गृहग्राम से जुड़ा है. जिससे स्कूल की विश्वसनियता पर सवाल खड़े हो रहे है. वहीं अब पालक जो कल तक स्कूल की पढ़ाई और सुविधाओं को लेकर सीएम राईज स्कूल में अपने बच्चांे को पढ़ाना चाहते थे, वह आज वहां से अपने बच्चों को निकालने की बात कर रहे है. जिससे सरकार के महत्वकांक्षी योजना पर सवाल खड़े हो रहे है. जिसको लेकर विपक्ष भी हमलावर नजर आ रहा है.

गौरतलब हो जिले को सीएम राईज के प्रथम चरण में मिले स्कूलों को विकासखंड मुख्यालय में खोला जाना था लेकिन राजनीतिक रूप से इसे प्रभावशील नेतृत्व ने अपने गृहग्राम में खुलवा दिया. लालबर्रा से लंेडेझरी में सीएम राईज स्कूल खुलवाया गया लेकिन आज सीएम राईज स्कूल की सुविधा से छात्र, छात्रायें वंचित है. हालांकि सरकार ने इसके लिए एक बड़े बजट की घोषणा के साथ ही विगत 5 सितंबर को जिले में सीएम राईज स्कूल का शुभारंभ भी किया है. वहीं नये सत्र की शुरूआत से ही सीएम राईज स्कूल को लेकर अभिभावकों का मोहभंग होता दिखाई दे रहा है.  

ग्राम लेंडेझरी के सीएम राईज स्कूल में आसपास के 15 किलोमीटर दूर गांवों से छात्र, छात्राओं के रोजाना ही आवागमन को लेकर हो रही परेशान से अभिभावक नाराज है. अभिभावकों का कहना है कि सीएम राईज स्कूल में 15 किलोमीटर के दायरे से बच्चों को स्कूल बस से लाने की निःशुल्क सुविधा सहित अन्य सुविधाओं के बारे में बताया गया था, लेकिन अब तक बस शुरू नहीं की गई है. इस मामले में अभिभावक गोपाल बिसेन ने बताया कि इस मामले में चर्चा करने पर पहले प्राचार्य ने 15 दिनों में और फिर अभिभावकों से एक-एक हजार रूपये सहयोग कर बस चला लेने की बात कही. जिसका पैसा आते ही भुगतान का वादा किया और आज जब बस के किराये की बात आ रही है तो स्कूल प्राचार्य, राशि नहीं होने की बात कह रहे है. जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं अभिभावक शिवप्रसाद पटले की मानें तो परिवहन की व्यवस्था नहीं होने से उन्हें सुबह, शाम बच्चों को छोड़ने आने पड़ रहा है. चूंकि अभिभावक सीएम राईज स्कूल की 15 किलोमीटर सीमा के अंतिम छोर से आते है, उन्हें बेहद परेशानी हो रही है और यदि ऐसा ही रहा तो वह बच्चों की टीसी स्कूल से निकलवा लेंगे. उन्होंने कहा कि इससे काफी दिक्कतें हो रही है. उन्होंने कहा कि हमारे पास दो ही विकल्प है कि हम इसको लेकर आंदोलन करें या फिर बच्चों को स्कूल से निकाल ले. उन्होंने कहा कि सुविधा के नाम पर स्कूल में कुछ नहीं है.  


Web Title : TEACHING IN CM RISE BECAME OUR PROBLEM, PEOPLE OF BHAUS HOMETOWN HEARD THE AGONY IN THE PUBLIC HEARING