नाम अंशकालीन पर लिया जाता है पूर्णकालिक कार्य, सरकारी कर्मी का दर्जा और कलेक्टर रेट देने अंशकालीन कर्मचारियों ने सौंपा ज्ञापन

बालाघाट. मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग और शिक्ष्ज्ञा विभाग में 10 से 15 वर्षो से कार्यरत अंशकालीन कर्मचारियों को आज भी मानदेय के रूप में 6 हजार 25 सौ रूपये मासिक भुगतान किया जाता है. यह अंशकालीन कर्मचारी कहीं लिपिक, कहीं भृत्य तो कहीं रसोईयां, जलवाहक और सफाईकर्मी के रूप में कार्य कर रहे है. इस बढ़ती महंगाई में महज 6 हजार और 25 सौ रूपये में काम करने वाले अंशकालीन कर्मचारियों की संख्या प्रदेश में हजारो में है लेकिन आज तक इन पर सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया. ऐसा नहीं है कि सरकार को अपनी स्थिति से अंशकालीन कर्मचारियों ने अवगत नहीं कराया. लगातार ज्ञापन, आंदोलन के माध्यम से वह सरकार का अपनी मांगो को लेकर ध्यानाकर्षण करवा चुके है. अंशकालीन कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष दिलीप चौधरी ने कहा कि प्रदेश में 50 हजार अंशकालीन कर्मचारी है. कहने तो यह अंशकालीन कर्मचारी है लेकिन इनसे पूर्णकालिक कार्य लिया जाता है. बावजूद इसके कम मानदेय में वह सम्मानपूर्वक जीवन नहीं जी पा रहे है. तो परिवार का पालन-पोषण और बच्चों की पढ़ाई लिखाई तो दूर की बात है. जिसको लेकर उन्होंने कई बार सरकार का ध्यानाकर्षण मुख्यालय से राजधानी तक कराया लेकिन सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया. हमारी मांग है कि सरकार हमारे सरकारी कर्मचारी घोषित करें और कलेक्टर दर पर मानदेय का भुगतान करें, ताकि हम सम्मानजनक जीवन जी सके. उन्होंने कहा कि यदि सरकार हमें ज्ञापन पर ध्यान नहीं देती है तो हम आगामी समय में कामबंद हड़ताल का भी निर्णय ले सकते है.


Web Title : THE NAME IS TAKEN ON PART TIME WORK, GOVERNMENT EMPLOYEE STATUS AND COLLECTOR RATE SUBMITTED BY PART TIME EMPLOYEES SUBMITTING MEMORANDUMS