आदिवासी युवाओं ने पहली बार की रेलगाड़ी से यात्रा और पहली बार देखा समुद्र, पुडुचोरी में आयोजित 14 वां आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम से लौटे युवाओं ने साझा किया अनुभव

बालाघाट. नेहरू युवा केन्द्र द्वारा गृह मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से जिले के बिरसा विकासखंड से 30 युवाओं का दल पुडुचेरी में आयोजित 14 वां आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम में सम्मिलित होकर वापस लौट आया है. जिन्हें  कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा एवं पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ के मार्गदर्शन में भेजा गया था. इस कार्यक्रम के प्रतिभागियों का चयन सीआरपीएफ 123 वीं बटालियन भरवेली के द्वारा बिरसा विकासखंड के विभिन्न दूरांचल स्थित ग्रामों के युवाओं का चयन किया गया था. पुडुचेरी से बालाघाट लौटने पर डीब्रीफिंग कार्यक्रम में सुधीर कुमार सिंह कमांडेंट 123वीं बटालियन सीआरपीएफ भरवेली, वी. के. शर्मा द्वितीय कमान अधिकारी सीआरपीएफ 123 वीं बटालियन, अपर कलेक्टर शिवगोविंद मरकाम, हॉक फोर्स पुलिस असिस्टेंड कमांडेट अपूर्व भलावी, राजेश ढाका डिप्टी कमांडेंट, डॉ. संतोष कुमार मेडिकल ऑफीसर, सी. आर. जंघेला लेखा एवं कार्यक्रम पर्यवेक्षक नेहरू युवा केन्द्र बालाघाट, अजय सिंह बैस केंद्रीय संचार ब्यूरो ने अपना सार्थक मार्गदर्शन युवाओं को दिया. पूरे दल का नेतृत्व उपनिरीक्षक नरेन्द्र कुमार मिश्रा, सुश्री मीना कुमारी, डी चार्लिन सीआरपीएफ 123वीं बटालियन भरवेली ने किया.

डीब्रीफिंग के दौरान प्रतिभागियों ने अपने सुखद एवं अविस्मरणीय अनुभव व्यक्त किये तथा संकल्प दोहराया कि इस कार्यक्रम में प्रतिभागिता करने से  अपने गृह ग्राम में जाकर शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में भागीदार बनने, आदिवासी युवाओं को अपने जीवन एवं कैरियर के बारे में नए तरीके से सोचने एवं समझने की समझ, युवाओं को जल जंगल और जमीन, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण, स्वरोजगार, गांधी एवं ग्राम स्वराज, स्वच्छता, आदिवासियों की प्राचीन विरसत को संरक्षित करने, ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण,कला, साहित्य, प्रौद्योगिकी से जुडने,साथ साथ मिलकर आगे बढने एवं सरकार की मुख्यधारा से आगे बढने का मार्गदर्शन इस कार्यक्रम में पधारे अतिथियों यथा पुडुचेरी के महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रीगण एवं नेहरू युवा केन्द्र संगठन पुडूचेरी एवं चेन्नई के उच्चाधिकारियों एवं स्रोत व्यक्तियों से सीखने को मिला. बहुत से प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे पहली बार रेलगाड़ी का सफर किया. यदि इस तरह के कार्यक्रम होते रहेंगे तो दूरस्थ आदिवासियों को देश को जानने एवंसमझने का अवसर मिल सकेगा. यह कार्यक्रम अत्यंत सार्थक है. सभी प्रतिभागियों ने मुक्तकंठ से सराहना की. कार्यक्रम से लौटने के बाद प्रतिभागियों ने बताया कि हमने पहली बार रेलगाडी का सफर किया,पहली बार समुद्र देख सके एवं दक्षिण भारत का खानपान एवं देश भर के विभिन्न राज्यों से आये आदिवासी युवाओं से मुलाकात हो सकी. उन्होंने बताया कि हमारा देश विभिन्नता में एकता है हमारा खानपान,पहनावा, बोलीभाषा, संस्कृति भले ही अलग-अलग हों परंतु हम सब भारतीय हैं.  


Web Title : TRIBAL YOUTH TRAVEL BY TRAIN FOR THE FIRST TIME AND SAW THE SEA FOR THE FIRST TIME, YOUTH RETURNING FROM THE 14TH TRIBAL YOUTH EXCHANGE PROGRAM HELD IN PUDUCHORI SHARE THEIR EXPERIENCES