जेसीबी से रास्ता बनाकर भटेरा से इंटकवेल लाया गया पानी, बारिश नहीं हुई तो बिगड़ सकती है पेयजल आपूर्ति व्यवस्था

बालाघाट. पहली बार वैनगंगा का जलस्तर घटने से शहरवासियों को पेयजल की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि मई में शुरू हुए जलसंकट से निपटते हुए नपा ने छिंदवाड़ा के माचागोरा से छोड़े गये पानी के ढूंढी बांध से नदी तक पहुंचने के कारण जलापूर्ति को संभाल लिया लेकिन इसके बाद यदि जल्द ही बारिश नहीं होती है तो शहरवासियों को पेयजल संकट का और सामना करना पड़ सकता है. हालांकि नपा इसके लिए सतत प्रयासरत है. शनिवार को भी नपा ने इंकटवेल तक पानी पहुंचाने के लिए भटेरा घाट पर स्थित पानी को नदी में जेसीबी के माध्यम से बनाई गई नालियों से इंटकवेल तक पहुंचाने में काफी मेहनत की, जिससे इंटकेवल तक पानी कुछ मात्रा में पहुंचा है. जो भी इतना नहीं है कि बारिश न होने तक उससे शहर की जलापूर्ति की जा सके. जिसके लिए अब बजरंग घाट से भी पानी लाने की योजना तैयार की जा रही है ताकि बारिश होते तक शहरवासियों को एक टाईम ही सही लेकिन जलापूर्ति की जा सकें.  

नपा जलप्रदाय विभाग प्रभारी भूमेश्वर शिव की मानें तो भटेरा से इंटकवेल तक पानी लाने के लिए नदी में जेसीबी के माध्यम से नाला बनाने का काम विगत तीन दिनों से जारी है और आज तक लगभग 300 मीटर लंबी नाली बनाकर इंटकवेल तक पानी को लाया गया है, जहां से टंकी तक पानी पहुंचाने के लिए पूर्व से लगी दो 15-15 हॉर्सपावर मोटर के अलावा 28 हॉर्सपावर की एक और मोटर लगाई गई है. जिससे नदी से पानी खिंचकर टंकी तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है.

वैनगंगा नदी में भटेरा से लाये गये पानी को लेकर जलप्रदाय विभाग प्रभारी श्री शिव ने बताया कि अभी पानी की एक टाईम जलापूर्ति कुछ दिनों तक और की जा सकती है और यदि समय रहते बारिश नहीं हुई तो जलसंकट की स्थिति और खराब हो सकती है हालांकि बजरंग घाट से भी पानी इंटकवेल तक पहुंचाने की योजना तैयार की जा रही है, ताकि शहरवासियों को जलापूर्ति हो सकें.  

गौरतलब हो कि ऐसा पहली बार हुआ है कि वैनगंगा नदी के किनारे बसे बालाघाट को पानी-पानी के लिए संकट का सामना करना पड़ रहा है. जिसके कई कारण है, जहां वैनगंगा नदी से लगे आधा दर्जन गांवो में पेयजल योजना के अलावा भरवेली मॉयल को भी वैनगंगा नदी से ही पानी की सप्लाई होती है, जिससे इस बार नदी का जलस्तर तेजी से घटा है. दूसरी सबसे बड़ी वजह नदी से अवैध रेत का उत्खनन भी है, जिससे नदी में रेत नहीं होने से नदी में पानी ठहर नहीं सका और गर्मी में पेयजल की समस्या पैदा हो गई. वहीं स्टापडेम को लेकर भी नपा प्रबंधन की लापरवाही भी एक बड़ी वजह है, स्टापडेम का निर्माण जहां जनवरी में हो जाना चाहिये थे, उस पर ध्यान नहीं दिया गया. जिससे पानी नदी में रूकने की बजाये बहता चला गया. बहरहाल भले ही वैनगंगा नदी में पानी कम हो किन्तु आसपास से पानी लाकर नपा द्वारा जलापूर्ति किये जाने से पानी संकट को लेकर कोई बड़ी विकराल समस्या नहीं है लेकिन यह भी सच है कि यदि जल्द बारिश नहीं होती है तो पेयजल का संकट शहरवासियों के सामने मुंह फाड़े खड़ा है, जिससे निपटना आसान नहीं होगा.


Web Title : WATER BROUGHT FROM BHATERA TO INTUCKWELL BY WAY FROM JCB MAY WORSEN DRINKING WATER SUPPLY SYSTEM IF THERE IS NO RAIN